

● संविधान ने न्यायधीशों को भ्रष्टाचार की छूट नहीं दी
● कोलेजियम सिस्टम पर उठे सवाल, पारदर्शिता की मांग तेज
● न्यायपालिका में व्हिसलब्लोअर की सुरक्षा और पारदर्शिता जरूरी
● भ्रष्टाचार के आरोपों पर ठोस जांच और कार्यवाही की मांग
गाजियाबाद। अखिल भारतीय त्यागी ब्राह्मण सभा के शपथ ग्रहण समारोह में न्यायपालिका में सुधार की गूंज सुनाई दी। सभा के संरक्षक कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने कहा कि संविधान ने न्यायधीशों को भ्रष्टाचार करने की स्वतंत्रता नहीं दी थी, लेकिन आज की स्थिति चिंताजनक हो गई है। उन्होंने एक पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री के हवाले से बताया कि भारत के पिछले सोलह मुख्य न्यायाधीशों में से आठ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, मगर इन मामलों की न तो सही से जांच हुई, न ही किसी पर ठोस कार्यवाही हुई। सभा के अन्य नेताओं ने कोलेजियम सिस्टम पर भी सवाल उठाए। महानगर अध्यक्ष पुनीत त्यागी और जिला अध्यक्ष मनोज त्यागी ने कहा कि न्यायपालिका में पारदर्शिता जरूरी है और व्हिसलब्लोअर्स की सुरक्षा के लिए ठोस व्यवस्था होनी चाहिए। आम नागरिकों के लिए न्याय, आतंकियों के लिए विशेष व्यवस्था? सभा में इस बात पर भी गहरा आक्रोश दिखा कि आतंकियों के लिए आधी रात को अदालतें खुल जाती हैं, जबकि आम नागरिक दशकों तक न्याय के इंतजार में रह जाता है।न्यायधीशों के रिश्तेदारों की न्यायपालिका में अधिक संख्या में नियुक्ति पर भी सवाल उठे। हाल ही में न्यायाधीश यशवंत वर्मा के घर से बरामद 13 करोड़ रुपये के मामले पर भी तीखी प्रतिक्रिया आई। “एक देश, एक कानून” की मांग कार्यक्रम के अंत में समाज के सैकड़ों प्रतिनिधियों ने “एक देश, एक कानून” की मांग को दोहराते हुए न्यायपालिका में सुधार और कोलेजियम सिस्टम को खत्म करने की मांग की।