नोएडा। फेज-3 पुलिस ने बाइक बोट की तरह ठगी करने वाली यात्रा कार सर्विसेज कंपनी के तीसरे मालिक को भी रविवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से निवेशकों के रुपये से खरीदी गई कार बरामद की गई। इस मामले में कुछ लोगों के नाम भी सामने आ आए हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं।
पुलिस ने कंपनी के दो मालिकों दीपक चौधरी और विपिन तोमर को शनिवार को गिरफ्तार किया था। इस मामले में कंपनी का तीसरा मालिक लोकपाल यादव फरार था। फेज-3 थाना प्रभारी ने बताया कि एसजेएम अस्पताल कट के पास से लोकपाल यादव निवासी गांव निखरी जिला रेवाड़ी को गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से निवेशकों के रुपये से खरीदी गई कार बरामद की है। वह भी यात्रा कार सर्विसेज कंपनी में पार्टनर था। तीनों ने मिलकर सेक्टर-63 में यह कंपनी खोली थी। वे कार किराये पर लगवाने का झांसा देकर लोगों से ठगी कर रहे थे। कंपनी के तीनों मालिकों दीपक, विपिन और लोकपाल के मध्य विवाद होने पर इस फर्जी कंपनी का खुलासा हुआ था। वे स्वयं ही शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे गए थे। जब पुलिस ने उनके मामले की जांच शुरू की तो फर्जी कंपनी का खुलासा हुआ था।
आरोपियों ने सेक्टर-63 के सी ब्लॉक में यात्रा कार सर्विसेज और ई-बाइक के नाम से फर्जी कंपनी खोली थी। वे उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) का फर्जी अनुबंध लोगों को दिखाकर ठगी करते थे। उन्होंने झांसा दिया था कि उन्हें यूपीएसआरटीसी में हर साल कारें लगाने की जिम्मेदारी मिली है। उनकी ठगी का शिकार हुए 122 लोग अभी तक सामने आ चुके हैं। इस मामले में करोड़ों की ठगी का अनुमान है। इस मामले में पुलिस ने दीपक सिंह चौधरी, उसकी मां पुष्पा, उसकी पत्नी रूही, उसके चचेरे भाई वासु, कोमल और दीपक के ससुर संतोष कुमार मलिक के खिलाफ नामजद एफआईआर की है। दीपक का ससुर लखनऊ स्थित पशुपालन विभाग में एडमिनिसट्रेशन एंड डेवलपमेंट के निदेशक के पद पर तैनात है। इस मामले में उनकी संलिप्तता की जांच की जा रही है।