
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में बुधवार को बारिश ने प्राधिकरण और प्रशासन के इंतजाम की पोल खोल दी। जलभराव से जिला मुख्यालय तक तालाब में तब्दील हो गया। लोगों को अधिकारियों से मिलने के लिए हाथ में जूते-चप्पल लेकर और अपनों की पीठ पर बैठकर पानी से निकलकर कार्यालय तक जाना पड़ा।
शहर और देहात में अलग-अलग जगह पानी भरने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। उधर, जलभराव से डीएससी रोड पर दूसरे दिन भी जाम की स्थिति बनी रही। सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट में बुधवार को बारिश से चारों तरफ पानी भर गया। स्थिति यह हो गई कि कार्यालय में अधिकारियों से शिकायत करने पहुंचे फरियादी काफी देर तक अंदर ही फसे रहे। काफी इंतजार के बाद मजबूरन लोगों को अपने हाथ में जूते-चप्पल लेकर पानी से निकलकर बाहर आना पड़ा। कुछ लोग तो अपनों की पीठ पर बैठकर पानी से बाहर निकले।
कलेक्ट्रेट में जलभराव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसे देखकर लोग काफी आलोचना कर रहे हैं। करप्शन फ्री इंडिया संगठन के कार्यकर्ता लोक नागर ने बताया कि जिला मुख्यालय का यह हाल है तो जिले के गांवों का क्या हालत होगी। यह प्रदेश की स्मार्ट सिटी का जिला मुख्यालय है।
दादरी-सूरजपुर-छलेरा (डीएससी) रोड पर बुधवार को भी हल्द्वानी मोड़ के समीप बारिश के कारण जलभराव होने से जाम की स्थिति बन रही। जाम में फंसे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। मंगलवार को बारिश का पानी भरने से यहां बुरा हाल हो गया था। पुलिसकर्मियों को पानी में घुसकर जाम खुलवाना पड़ा था।
हल्की सी बारिश ने बुधवार को प्राधिकरण के इंतजाम की पोल खोल दी। शहर के कई सेक्टरों और सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी रही। इसके अलावा देहात के गांवों की गलियों में पानी भरने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।
बारिश में कलेक्ट्रेट और आसपास के सरकारी दफ्तरों में भी पानी भर जाता है। बारिश के बाद हालत यह होती है कि लोगों को जूते-चप्पल हाथ में लेकर चलना पड़ता है। यहां पर जल निकासी के लिए काफी वर्षों से मांग की जा रही है, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
कुलेसरा से हल्द्वानी के बीच मुख्य सड़क पर बारिश में पानी भर जाता है। यहां पर पानी निकासी का इंतजाम नहीं है। यही कारण है कि सड़क नाले का रूप ले लेती है।
कासना : यहां भी जलभराव की दिक्कत रहती है। यहां बारिश का पानी भर जाता है। सड़कों में पानी भरने से यातायात भी बाधित होता है। लोगों का कहना है कि बार-बार मांग के बावजूद जल निकासी का बेहतर इंतजाम नहीं हो पा रहा है।
गलगोटिया कॉलेज : अंडरपास में थोड़ी सी बारिश में पानी भर जाता है। इससे आने जाने वाले लोगों को दिक्कत होती है।
सफीपुर अंडरपास : यहां भी जलभराव की दिक्कत रहती है। पानी भरने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि, कुछ देर में पानी धीरे-धीरे करके निकल जाता है।
शहर के गोल चक्कर के आसपास भी जलभराव हो जाता है। दरअसल, पानी निकासी के लिए सिस्टम बना हुआ है, उसमें मिट्टी भर जाती है। इसके चलते पानी भरता है।
शाहबेरी में भी जलभराव से लोगों को दो-चार होना पड़ता है। शाहबेरी और क्रॉसिंग रिपब्लिक के बीच बने नाले का पानी भी शाहबेरी में पहुंच जाता है। अधिक बारिश होने पर नाला ओवरफ्लो होता है और यह पानी शाहबेरी में पहुंच जाता है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले कई गांवों में भी जलभराव की समस्या रहती है। कई गांव में पानी निकासी का उचित प्रबंध नहीं होने से बारिश में पानी भर जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि वह प्राधिकरण से बार-बार मांग करते हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाता है।