
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की अरिहंत आर्डन सोसाइटी के निवासी हैवीवेट मुक्केबाज सतीश कुमार यादव टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल मुकाबला हार गए। उनकी हार से सोसाइटी और बुलंदशहर जिले में उनके पैतृक गांव के लोग मायूस हैं। लोगों को उम्मीद थी कि सतीश मेडल लेकर वतन लौटेंगे।
बुलंदशहर के पसौता गांव निवासी सतीश कुमार यादव परिवार के साथ ग्रेनो वेस्ट की अरिहंत आर्डन सोसाइटी में रहते हैं। वह पहली बार टोक्यो ओलंपिक में हैवीवेट मुक्केबाजी में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। रविवार को उनका क्वार्टर फाइनल मुकाबला था। वह क्वार्टर फाइनल में हार गए। उनका मुकाबला मौजूदा विश्व और एशियाई चैंपियन उज्बेकिस्तान के बखोदिर जलोलोव से हुआ। दोनों में कांटे की टक्कर हुई। सतीश तीनों राउंड में हार गए। उनकी हार से उनके पैतृक गांव और गेनो वेस्ट की सोसाइटी के लोग मायूस हैं। उनका कहना है कि वह मेडल की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी है।
चोट के बावजूद मुकाबले में उतरे
पहले मुकाबले में सतीश को काफी चोट आई थी। उनकी ठुड्डी और दाईं आंख पर गहरा कट लग गया था। उन्हें सात टांके लगाने पड़े हैं। इसके बाद भी वह मैदान पर उतरे। अपनी चोट को दरकिनार कर देश के लिए मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।