
बुलन्दशहर – योगेश कुमार (विशेष लोक अभियोजक) ने बताया कि अभियुक्त मदना पुत्र गोपाल अहेडिया निवासी ग्राम रुस्तम गढ़ी थाना छतारी जिला बुलंदशहर व नाथू पुत्र भजना अहेरिया निवासी धरोई थाना अकराबाद जिला अलीगढ़ ने एक अवैध व अनुचित सक्रिय गैंग बना रखा था। जिसका गैंग लीडर मदना था, मदना अपने गैंग के साथी के साथ में मिलकर अपने आर्थिक भौतिक लाभ प्राप्त करने के लिए तथा समाज में भय व आतंक व्याप्त करने के लिए जनता के लोगों का अपहरण कर मारपीट चोरी,डकैती,लूट व हत्या करके अवैध धन अर्जित करते थे। इस गैंग के द्वारा किए जा रहे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए तत्कालीन थाना अध्यक्ष छतारी ने उक्त गिरोह के विरुद्ध दिनांक 21 अप्रैल 1992 को गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रिया क्लाप अधिनियम उत्तर प्रदेश क़ी धारा 2/3 के अंतर्गत अभियुक्तगण मदना व नत्थू आदि के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराई। अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलों व बहस को सुनने के पश्चात न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश अष्टम (विशेष न्यायाधीश) गैंगस्टर एक्ट बुलंदशहर चंद्रविजय श्रीनेत ने अभियुक्त मदना व नत्थू को गेंगस्टर का दोषी पाते हुए दो-दो वर्ष के कारावास व पांच हजार व पांच हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई गई।