
गुलावठी – डी. एन. पी. जी. कॉलेज, गुलावटी, बुलंदशहर की राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाई के सात दिवसीय शिविर, शिविर स्थल ग्राम नत्थूगढ़ी की कुटी (तपोभूमि) पर कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के लक्ष्यगीत का गान करके कार्यक्रम का आरंभ किया गया । शिविर के प्रथम सत्र में स्वयं सेवकों द्वारा श्रमदान का कार्य किया गया । तपोभूमि परिसर के आस पास पतझड़ के पत्ते तथा घास फूस को एकत्रित कर नियत स्थान पर जमा किया । स्वच्छता अभियान कार्य बनाई गई टोलियों के प्रमुखों के निर्देशन में संपन्न हुआ । कार्यक्रम अधिकारियों डॉ. अवधेश कुमार सिंह तथा डॉ हरीश कसाना ने स्वयं सेवकों के आज के दायित्व निर्धारित किए तथा छात्रों में स्वस्थ प्रतियोगिता के भाव को विकसित करने का कार्य किया । शिविर के दूसरे सत्र की थीम ‘ एक दिन बुजुर्गों के नाम ‘ रही । इसके अंतर्गत शिविर में स्वयं सेवकों द्वारा पास पड़ोस के गांव के बुजुर्गों को निमंत्रित किया गया । कार्यक्रम में ग्राम नत्थूगढ़ी से सर्वश्री गजेंद्र सिंह, हरेंद्र सिंह, ओमप्रकाश सिंह, ओमपाल सिंह, सूबे सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिरोही तथा श्रीमती कृपाली देवी, बिजेंद्री देवी, गीता देवी आदि उपस्थित हुए ।शिविर में श्री प्रवेश तेवतिया जी की विशेष रूप से उपस्थिति रही । यह कार्यक्रम वृद्धजनों के सम्मान, उनकी समस्याओं को समझने और उनके साथ समय बिताने के लिए समर्पित था । सम्मानित वृद्धजनों को आमंत्रित कर उनके जीवन अनुभवों को साझा करने का अवसर दिया गया । जिससे की युवाओं को उनके संघर्षों और सफलताओं से प्रेरणा लेने का अवसर प्राप्त हो सके । कार्यक्रम में बोलते हुए बुजुर्ग पूज्यनीय दादी श्रीमती कृपाली देवी जी ने छात्र छात्राओं को बुजुर्गों के सम्मान की रक्षा उम्र भर करने के लिए कहा तथा कहा कि जो बुजुर्गों से सीखते हैं वह जीवन में सफल होते हैं । श्री ओमपाल सिंह जी ने कहा कि हम जैसा व्यवहार अपने साथ चाहते है, हमें वही व्यवहार दूसरा के साथ भी करना चाहिए । श्री हरेंद्र जी ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा कहा कि अपने संस्कारों को सदैव जीवंत बनाए रखें । पूज्यनीय श्रीमती कृपाली देवी जी ने छात्र छात्राओं को एक लोकगीत के द्वारा जागरूक किया । श्रीमती गीता देवी ने कहा कि सदैव बड़ों का कहना मानना चाहिए । श्रीमती विजेंद्र देवी जी ने कहा कि परिवार में सभी का सम्मान करना चाहिए । सुख दुख का साथी बनना चाहिए । श्री ओमप्रकाश जी ने कहा कि हमें अपनी बुराई को ठीक करना चाहिए तथा दूसरों की अच्छाई का अनुश्रवण करना चाहिए । श्री गजेंद्र सिंह जी ने सभी को स्वस्थ एवं प्रसन्न रहने का आशीर्वाद दिया । श्री प्रवेश तेवतिया जी ने छात्रों को नैतिकता की अनेक बातें बताई तथा जीवन को चारित्रिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कहा। कार्यक्रम में सम्मानित बुजुर्गों ने भी अपनी रुचि के अनुसार प्रेरणाप्रद गीत, कविताएँ और कहानियाँ सुनाईं । बुजुर्गों ने स्वयंसेवकों के बीच पारंपरिक खेलों जैसे चेयर गेम, बैलून खेल, पर्ची गेम और तंबोला खेल प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं । सभी स्वयंसेवकों को बुजुर्गों का सम्मान करने संबंधी शपथ दिलाई गई । स्वयं सेविका अंशु बिधूड़ी तथा अंशु ने बुजुर्गों के सम्मान में कविता पाठ किया । स्वयं सेविका काजल खारी ने बुजुर्गों के महत्व एवं सम्मान को समर्पित भाषण दिया । कार्यक्रम का संचालन अर्पिता गोयल तथा भूमिका सिरोही ने किया । कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम अधिकारी डॉ अवधेश कुमार सिंह ने अतिथियों का आभार प्रकट किया तथा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया । कार्यक्रम अधिकारी डॉ हरीश कसाना ने सभी का आभार प्रकट किया । शिविर में महाविद्यालय के प्रोफेसर पीयूष त्रिपाठी, डॉ विनय कुमार सिंह, भवनीत सिंह बत्रा तथा पुरातन छात्र अनुज कुमार, पप्पू पाल, सुमित, वंश यादव तथा प्रमोद आदि एवं समस्त स्वयं सेवक एवं स्वयं सेविकाएं उपस्थित रहे ।