सती चरित्र,झड़-भरत चरित्र और ध्रुव चरित्र की कथा सुन भाव-विभोर हुए भक्त



गुलावठी – रहीसुद्दीन नगर गुलावठी में कथावाचक पंडित सौनेन्द्र कृष्ण शास्त्री(श्री धाम वृंदावन) वालों के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा में तीसरे दिन सती चरित्र, जड़-भरत चरित्र और ध्रुव चरित्र की सुंदर कथाओं का वर्णन किया गया।
कथा में बताया गया कि भगवान शिव की अनुमति लिए बिना उमा अपने पिता दक्ष के यहां आयोजित यज्ञ में पहुंच गईं। यज्ञ में भगवान शिव को निमंत्रण नहीं दिए जाने से कुपित होकर सती ने यज्ञ कुंड में आहुति देकर शरीर त्याग दिया। इससे नाराज शिव के गणों ने राजा दक्ष का यज्ञ विध्वंस कर दिया। इसलिए जहां सम्मान न मिले वहां कदापि नही जाना चाहिए।
कथावाचक पंडित सौनेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि जब जीव भगवान की तरफ एक कदम बढ़ाता है तो भगवान भी अपने भक्त की ओर दस कदम बढ़ाते हैं और अगर हम लोग भी ध्रुव की तरह भक्ति करें तो हमें भी भगवान की प्राप्ति अवश्य होगी।
उन्होंने और कहा कि भागवत कथा का श्रवण करने से कई पापों से मुक्ति मिल जाती है। वही कथा सुनने के लिए आसपास के भक्तगण मौजूद रहे।

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