
गुलावठी – डी. एन. पी. जी. कॉलेज गुलावठी में विज्ञान संकाय द्वारा ‘ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ पर एक गोष्ठी तथा क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में अपने संदेश में कालेज प्राचार्य प्रोफेसर योगेश कुमार त्यागी ने कहा कि रमन स्पेक्ट्रो फोटोमीटर का प्रयोग करके जैविक पदार्थों के प्रोटीन या न्यूक्लिक एसिड का अध्ययन करके उनके अंदर होने वाली जैविक प्रक्रिया का अध्ययन किया जाता है। इस अवसर पर रसायन विज्ञान प्रभारी डॉ विनीता गर्ग ने उपस्थित सभी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ की शुभकामनाएं एवं बधाई दी तथा कहा कि विज्ञान के द्वारा नए नए आविष्कार जनमानस के निहितार्थ होते हैं । अपने संदेश में उन्होंने यह भी कहा कि सन 1928 ई. में भारत के महान वैज्ञानिक सर सी.वी. रमन ने रमन प्रभाव की खोज की था । भौतिक विज्ञान प्रभारी असिस्टेंट प्रोफेसर नरेश कुमार ने कहा कि सर सी वी रमन भौतिक विज्ञान में नोबल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय वैज्ञानिक थे। रमन प्रभाव के अनुसार “जब प्रकाश किसी पदार्थ से गुजरता है, तो फोटॉन के पदार्थ के अणुओं के साथ ऊर्जा का आदान प्रदान करते है जिससे उन फोटॉन की तरंगदैर्ध में बदलाव हो जाता है”। रसायन शास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विनय कुमार सिंह ने नोबल पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड नोबल और उनके द्वारा किया गए अनुसंधान से प्राप्त राशि से नोबल पुरस्कार संस्थान को स्थापना किया । गणित विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर श्याम प्रकाश ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के महत्व को विस्तार से समझाया। हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ हरीश कसाना ने अपने संबोधन में विज्ञान शब्द के व्यावहारिक स्वरूप को परिभाषित किया तथा कहा कि जीवन के प्रत्येक क्रिया कलाप में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका है । विज्ञान समाज के उत्तरोत्तर विकास में सहायक होता है । विज्ञान के बिना भविष्य का स्वप्न साकार नहीं हो सकता । इससे पूर्व राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर एक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । क्विज प्रतियोगिता में बी. एस- सी. प्रथम वर्ष के छात्र आर्यन कुमार और गोविंद सिंह बोरा ने क्रमशः प्रथम एवम् द्वितीय स्थान प्राप्त किया। बी. एस-सी. द्वितीय वर्ष की छात्रा मानसी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर प्रो. अतुल तोमर, डॉ महेंद्र कुमार, हरिदत्त शर्मा, डॉ संदीप कुमार सिंह, पीयूष त्रिपाठी, कृष्ण कुमार,शशी कपूर तथा छात्र – छात्राएं उपस्थित रहे।