संदिग्ध आतंकियों की तलाश में अलीगढ़ से देवबंद तक जुटी एटीस की टीम

आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने अलीगढ़ से इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) के आतंकी अब्दुल्ला अर्सलान व माज बिन तारिक को गिरफ्तार करने के बाद उनके अन्य साथियों की तलाश तेज की है। अलीगढ़ से लेकर देवबंद (सहारनपुर) तक कई स्थानों पर छानबीन की जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि आतंकियों के इस नेटवर्क से जुड़े संदिग्धों की एटीएस ने तेज की आइएसआइएस आतंकियों के नेटवर्क की छानवीन में आतंकी अब्दुल्ला और तारिक की छह दिनों की पुलिस रिमांड मंजूर पड़ताल के लिए महाराष्ट्र, झारखंड व अन्य राज्यों में भी टीमें रवाना की गई हैं। एटीएस की विशेष कोर्ट ने अब्दुल्ला व तारिक की आठ से 13 नवंबर तक की पुलिस ने रिमांड स्वीकृत की है।

एटीएस वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का बुधवार को दोनों से पूछताछ आरंभ करेगी। एटीएस ने अपने मुकदमे अब्दुल्ला व तारिक के अलावा दिल्ली निवासी शहनवाज, रिजवान अली व अरशद वारसी, अलीगढ़ का वजीहुद्दीन, अब्दुल समद, फैजान बख्तियार, संभल का नावेद सिद्दीकी, प्रयागराज का रिजवान समेत अन्य को आरोपित बनाया है। वजीहुद्दीन मूलरूप से झारखंड का है। रिजवान इस्लामिक शिक्षा ग्रहण की थी, पर छात्र नहीं था। वह एएमयू के छात्र संगठन से जुड़े अन्य आरोपितों के सीधे संपर्क में था व आइएसआइएस की विचाराधारा का प्रचार-प्रसार कर रहा था। दिल्ली पुलिस ने एक माह पूर्व आइएस के आतंकी शहनवाज, रिजवान व अरशद को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उनसे जुड़े एएमयू के अन्य छात्रों की जानकारी सामने आई थी।

शहनवाज अपने इन साथियों की मदद से अलीगढ़ में किराये का मकान लेकर कई माह ठहरा था। मतांतरण करने वाली एक युवती से शादी भी की थी। युवती का बदला नाम खदीजा है। रिजवान ने ही वजीहुद्दीन, माज बिन तारिक, अब्दुल्ला अर्सलान, अब्दुल समद, फैजान, नावेद व अरशद को आइएसआइएस की शपथ दिलाई थी और जिहाद के लिए तैयार किया था, जिसके बाद सभी आइएसआइएस के नेटवर्क में अन्य युवकों को जोड़ने के साथ जिहाद से जुड़ी सामग्री उपलब्ध करा रहे थे।

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