भारत छोड़ो आंदोलन में रहा है मिलर स्कूल का योगदान : शिक्षा मंत्री

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पटना। देवीपद चौधरी शहीद स्मारक (मिलर) उच्च माध्यमिक विद्यालय में कदम रखने मात्र से एक ऐतिहासिक एहसास होता है। यह स्कूल इतिहास के उस दौर का है, जब पूरा विश्व प्रथम विश्वयुद्ध के साये से निकला था। ऐसे समय में स्कूल की स्थापना होना बड़ी बात है। वहीं 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में इस स्कूल का योगदान तब तक याद रहेगा, जब तक भारत की आजादी लोगों के जेहन में रहेगी। ये बातें शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कही।

शिक्षा मंत्री देवीपद चौधरी शहीद स्मारक स्कूल के नवनिर्मित प्लस टू भवन का उद्घाटन करने पहुंचे थे। भवन का उद्घाटन करने के पहले उन्होंने देवीपद चौधरी की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब हर पचायत में प्लस टू स्कूल खुल गये हैं। ऑनलाइन पढ़ाई पर कहा कि क्लास रूम पढ़ाई का कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि स्कूल में आकर बच्चे शिक्षक से आचार, व्यवहार आदि सीखते हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि स्कूल भवन के साथ उसके रख रखाव का भी ख्याल रखना चाहिए। साफ-सफाई सबसे जरूरी है। उन्होंने पटना डीईओ अमित कुमार को सभी स्कूल में सफाई पर नजर रखने को भी कहा। पूर्व शिक्षा मंत्री और मिलर स्कूल के पूर्व छात्र कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि मेरे लिए यह काफी गौरव की बात है। पूर्ववर्ती छात्र होने के नाते हमेशा स्कूल के साथ खड़ा रहूंगा। कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के प्राचार्य एसीपी चौरसिया के स्वागत भाषण से हुई। मंच संचालन शिक्षक विनय कुमार ने किया। मौके पर पूर्ववर्ती छात्र रवीद्र कुमार सिन्हा, स्कूल के प्रबंध समित के सदस्य विजय शंकर दूबे, शिक्षक अरुण कुमार के साथ तमाम शिक्षकगण मौजूद थे। एनसीसी कैडेट्स द्वारा सभी का स्वागत किया गया। कुल 12 वर्ग कक्ष हैं : प्राचार्य ने बताया कि नये भवन में बनने में दो साल लगे। यह तीन करोड़ 56 लाख 88 हजार में तैयार हुआ है। तीन मंजिला इस भवन में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक की कक्षाएं चलेंगी। इसमें कुल 12 वर्ग कक्ष हैं। वहीं प्राचार्य कक्ष के अलावा छात्र और छात्राओं के लिए कॉमन रूम भी बनाये गये हैं। दिव्यांग छात्रों के लिए रैंप की व्यवस्था है। प्राचार्य श्री चौरसिया ने बताया कि भवन पूरी तरह तैयार है। जल्द ही यहां कक्षाएं चलेंगी। चूंकि भवन का मुख्य द्वारा हाईकोर्ट वाली सड़क की तरफ खुलता है, ऐसे में प्रवेश द्वार अलग से किया जायेगा। यह प्रवेश द्वार बनने के बाद स्कूल के तीन गेट हो जाएंगे।