
बहादुरगढ़ – पुष्पावती पूठ,लोक भारती एवं स्वामी विवेकानंद विचार मंच के तत्वाधान में वेटलैंड दिवस का कार्यक्रम गंगा के किनारे मनाया गया जिसकी अध्यक्षता नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने की उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वेटलैंड पृथ्वी के फेफड़े होते हैं । वेटलैंड से जल एवं बायोडायवर्सिटी का सुदृढ़ीकरण होता है। जिस प्रकार मानव के शरीर में फेफड़े के बिना जीवन संभव नहीं है उसी प्रकार का कार्य प्रकृति में वेटलैंड फेफड़े का कार्य करते है।इन्हें आर्द्र भूमि भी कहा जाता है। मुख्य वक्ता पर्यावरणविद् भारत भूषण गर्ग ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि आज वेटलैंड एंक्रोचमेंट का शिकार हो रहे हैं जिनके संरक्षण का कार्य धरती माता के लिए अत्यंत ही आवश्यक है। नदियों के निकट थल और जल के बीच की दलदली भूमि को वेटलैंड कहा जाता है यहां बूढ़ी गंगा का प्रवाह क्षेत्र आज वेटलैंड के रूप में इस भूमि के फेफड़े का कार्य कर रहा है जिस कारण से यहां के जलवायु एवं जल की गुणवत्ता अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। वर्ष भर इन वेटलैंड के अंदर विभिन्न प्रकार की वनस्पति एवं जलचर जीवन पाते रहते हैं तत्पश्चात बाढ़ के समय वर्षा ऋतु में वह नदी की मुख्य धाराओं में बह जाते हैं और वहां के जल की गुणवत्ता को ठीक करते हैं।इस अवसर पर गंगा सेवक मूलचंद आर्य प्रशांत कुमार डॉ विनीता महेश केवट यथार्थ भूषण आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।