
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देशवासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उनसे संविधान के प्रति निष्ठावान रहने और उसकी मान्यताओं के प्रति खरा उतरने का आह्वान किया है।
श्री नायडू ने गुरुवार को यहां एक संदेश में कहा, “ संविधान दिवस के अवसर पर देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। हमने स्वयं अपने संविधान को अंगीकार किया है, स्वयं को संविधान के प्रति समर्पित किया है।”
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे संविधान की उद्देश्यिका में उल्लिखित संकल्पों, मर्यादाओं और मान्यताओं के प्रति सदैव निष्ठावान रहें। संविधान निर्माताओं की अपेक्षाओं पर खरे उतरें।
उपराष्ट्रपति ने डॉ बी आर अंबेडकर के शब्दों में कहा कहा, “ संविधान तो सिर्फ विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका जैसे राज्य के अंगों का प्रस्ताव मात्र करता है। जो कारक राज्य के इन अंगों को चलाते हैं वे, जनता तथा उसकी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए उनके द्वारा बनाए गए राजनैतिक दलों और उनकी राजनीति पर निर्भर करते हैं।”
संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद, (26 नवंबर 1949) के कथन का उल्लेख करते हुए श्री नायडू ने कहा, “ आखिर संविधान एक निर्जीव मशीन की तरह ही है। वो उन व्यक्तियों से जीवन पाता है जो उसे कार्यान्वित करते हैं, नियंत्रित करते हैं। भारत को सिर्फ स्वयं से ऊपर राष्ट्र हित को रखने वाले ईमानदार निष्ठावान लोग चाहिए…।”