
● प्रतिनिधिमंडल ने मस्जिद के जिम्मेदारों को यक़ीन दिलाया कि जमीअत हर तरह से इनके साथ खड़ी है
नई दिल्ली । जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के हाटा कस्बे में स्थित मदनी मस्जिद का दौरा किया, जो हाल ही में प्रशासन की कार्रवाई के परिणामस्वरूप बुलडोजर का शिकार हो गई थी। प्रतिनिधिमंडल ने मस्जिद के ट्रस्टियों और हाजी शाकिर के साथ विस्तृत बातचीत की और मस्जिद की वर्तमान स्थिति, विध्वंस के कारणों और उसके प्रभावों पर चर्चा की। इसके साथ ही जिम्मेदार लोगों को धैर्य रखने और दृढ़ता के साथ रहने की सलाह दी और कहा कि परीक्षा की इस घड़ी में हमें अल्लाह पर पूरा भरोसा रखते हुए कानूनी और संवैधानिक तरीकों से न्याय प्राप्त करने का प्रयास करना होगा। महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कहा कि जमीअत उलमा-ए-हिंद इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है और कानूनी रूप से हर संभव कानूनी कार्रवाई करेगी। उन्होंने याद दिलाया कि गत वर्ष जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर कार्रवाइयों के विरुद्ध लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई थी, जिसके परिणामस्वरूप सुप्रीम कोर्ट ने अवैध ध्वस्तीकरण की कार्रवाइयों पर रोक लगाने का आदेश दिया था। इसके मद्देनजर मदनी मस्जिद को ध्वस्त करना केवल एक मस्जिद का नुकसान नहीं है, बल्कि यह न्याय, कानून और न्यायपालिका के सम्मान पर हमला है। यह मामला अब पुनः सुप्रीम कोर्ट में है , जहां से न्याय की उम्मीद की जा रही है। जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव ने क्षेत्र के लोगों को आश्वासन दिया कि जमीअत उलमा-ए-हिंद उनके साथ खड़ी है और आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि जमीअत उलमा-ए-हिंद हमेशा से ही प्रताड़ित लोगों की आवाज बनी है और भविष्य में भी अपने इस मिशन पर डटी रहेगी। इस अवसर पर जमीअत के महासचिव के साथ मौलाना मेराज अहमद कासमी (महासचिव, जमीअत उलमा देवरिया), कारी इरशाद साकिबी (महासचिव, जमीअत उलमा कुशीनगर), हाफिज मोहम्मद ज़की, मुफ्ती अब्दुर्रहमान (उपाध्यक्ष, जमीअत उलमा देवरिया), मुफ्ती जहीर-उल-हक (सचिव, इस्लाहे मोआशरा), मौलाना अब्दुल बारी, मौलाना शमशाद, मौलाना इरफान, हाजी शाकिर, हाफिज जुबैर, हाफिज शफीउल्लाह समेत अन्य क्षेत्रीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।