दिल्ली की जनता भाजपा से जवाब मांग रही, “मोदी की गारंटी, मोदी के जुमले” में क्यों बदल गई? आप




नई दिल्ली – आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली विधानसभा के आगामी बजट सत्र के दौरान दिल्ली के लोगों के साथ किए गए विश्वासघात को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर घेरने के लिए तैयार है। दिल्ली की महिलाओं को प्रति माह 2,500 रुपए और होली पर मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने का “मोदी की गारंटी” खोखला और जुमला साबित हुआ है। 2500 रुपए देने की योजना को लागू करने की जगह भाजपा की दिल्ली सरकार ने अपनी सुविधानुसार तीन-सदस्यीय समिति गठित कर दी है, जो योजना को अनिश्चितकाल के लिए ठंडे बस्ते में डालने की स्पष्ट रणनीति है। इससे साफ हो गया है कि भाजपा का अपने इस वादे को पूरा करने का कोई इरादा ही नहीं था। आम आदमी पार्टी ने एक बयान में कहा कि भाजपा का यह धोखा दिल्ली की महिलाओं के साथ खुला विश्वासघात है, जिन्हें वित्तीय राहत और समर्थन का वादा किया गया था। इसके बजाय भाजपा ने देरी की रणनीति अपनाकर जवाबदेही से बचने की कोशिश की है। यह साबित करता है कि उनके वादों का वास्तविकता कोई लेना-देना नहीं है। “आप” यह सुनिश्चित करेगी कि इस विश्वासघात को विधानसभा में उजागर किया जाए और भाजपा को इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाए। “आप” ने अपने बयान में आगे कहा कि ‘‘आप’’ सरकार ने भाजपा की दिल्ली सरकार को मुनाफे का बजट बजट सौंपा था। यह इस विश्वासघात को और भी शर्मनाक बनाता है। वित्तीय रूप से मजबूत अर्थव्यवस्था मिलने के बावजूद भाजपा अब तक दिल्ली की जनता को एक भी लाभ देने में नाकाम रही है। जब दिल्ली का बजट मुनाफे में है, तो महिलाओं को उनकी जायज वित्तीय सहायता से क्यों वंचित किया जा रहा है? ‘मोदी की गारंटी’ को लागू करने से भाजपा का इन्कार यह साबित करता है कि उनके वादे शुरू से ही खोखले थे। इस बीच, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली विधानसभा को तानाशाही में बदल दिया है, जहां जनता के मुद्दे उठाने वाले विपक्षी विधायकों को निलंबित कर दिया जाता है, जबकि भाजपा विधायकों को उनके गलत आचरण के बावजूद बचाया जाता है। यह शासन नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर हमला है। जिस भाजपा ने ‘मोदी की गारंटी’ की बात की, उसी ने “आप” से मुनाफे का बजट मिलने के बावजूद दिल्ली की महिलाओं को वित्तीय सहायता से वंचित कर विश्वासघात किया है। हम चुप नहीं रहेंगे। “आप” इन मुद्दों को न केवल विधानसभा में, बल्कि सड़कों पर भी उठाएगी और भाजपा के विश्वासघात को दिल्ली के हर घर तक पहुंचाएगी। “आप” ने बयान में कहा कि दिल्ली की जनता को जवाब चाहिए कि ‘मोदी की गारंटी’ ‘मोदी का जुमला’ में क्यों तब्दील हो गई? भाजपा जनहित के मुद्दों पर खुली बहस से क्यों डरती है? दिल्ली के चुने हुए प्रतिनिधियों की आवाज को विधानसभा के अंदर क्यों दबाया जा रहा है? आम आदमी पार्टी भाजपा को जवाबदेही से भागने नहीं देगी। इस बजट सत्र में “आप” विधायक भाजपा के विश्वासघात, छल और जनता के हित में शासन करने में विफलता को उजागर करेंगे। इसके अलावा, “आप” दिल्ली विधानसभा के अंदर लोकतंत्र पर हमले को भी उठाएगी। पिछले सत्रों में भाजपा ने स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया है। आम आदमी पार्टी के विधायकों को जनता के मुद्दे उठाने के लिए निलंबित किया गया, जबकि भाजपा विधायकों को जांच से बचाया गया। विपक्ष की नेता आतिशी ने पहले ही बताया है कि “आप” के विधायकों को बार-बार रोका गया और मनमाने ढंग से निलंबित किया गया। यह भाजपा की लोकतांत्रिक बहस के प्रति सहनशीलता की कमी को दिखाता है। एक भाजपा विधायक को 40 मिनट तक बोलने की अनुमति दी जाती है, जबकि एक आम आदमी पार्टी के विधायक की आवाज को महज चार मिनट में दबा दिया जाता है। यह बजट सत्र कोई अपवाद नहीं होगा। “आप” दिल्ली की जनता की आवाज को भाजपा की सत्तावादी रणनीतियों से दबने नहीं देगी और इसके खिलाफ लगातार लड़ती रहेगी।

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