
नई दिल्ली – उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से सांसद ईमरान मसूद ने घोषणा पत्र में अल्पसंख्यकों हेतू योजनाओं के संदर्भ में विस्तारपूर्वक चर्चा करने के लिए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित किया। संवाददाता सम्मेलन में सांसद ईमरान मसूद के साथ कांग्रेस प्रवक्ता अभय दूबे, कम्युनिकेशन विभाग के ज्योति सिंह, रश्मि सिंह मिगलानी, आस्मा तस्लीम और डा0 अरुण अग्रवाल भी मौजूद थे। ईमरान मसूद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सबकी पार्टी है जो देश के नागरिकों के अधिकारो, सुरक्षा, सम्मान और उत्थान के लिए कटिबद्ध है, अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों, हितों और सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है। हमारे नेता जन नायक राहुल गांधी अल्पसंख्यकों के अधिकारों, हितों और सुरक्षा के लिए पूरे देश में सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ रहे है। ईमरान मसूद ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस सरकार बनाने पर कांग्रेस कांग्रेस एससी/एसीटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक और विकलांग वित्तीय एवं विकास निगम को मजबूत करेंगे, ताकि इनको व्यवसाय शुरु करने के लिए कम दरों पर कर्ज ऋण मिल सके। उर्दू, पंजाबी और भोजपुरी के शिक्षकों के खाली पड़े पदों को प्राथमिकता से भरा जाएगा। पंजाब अकादमी को पुर्नजीवित करेंगे। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पंजाबी चेयर की स्थापना के लिए वित्तपोषण करेंगे। गुरु तेग बहादुर के नाम पर एक विश्वविद्यालय की स्थापना करेंगे, जिसमें एक संग्रहालय और एक डिजीटल लाइब्रेरी भी होगी। हम जैन वेलफेयर बोर्ड स्थापित करेंगे जैसे राजस्थान में किया था। इमरान मसूद ने कहा कि दिल्ली के मदरसों का विकास चरणबद्ध तरीके से करेंगे। वक्फ बोर्ड को गठन करके इमाम और मुअजिनों को मिलने वाले भत्तों का समयबद्ध निस्तारण करेंगे। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस यूपीए सरकार के 15 सूत्री कार्यक्रम पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाएगा। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा से ही देश में अंतिम पंक्ति में खड़े लोगां, अल्पसंख्यकों और मुस्लिम समुदाय के लोगों की बेहतरी के लिए काम किए है। 9 मार्च 2005 को कांग्रेस की यूपीए सरकार ने मुस्लिम समुदाय के आर्थिक सामाजिक और शैक्षणिक संदर्भों के लिए एक हाई लेवल की सचर कमेटी का गठन किया था। जिसकी 76 सिफारिशों में से 72 को तुरंत स्वीकार करते हुए 43 फैसले लिए गए। जिनके आधार पर 72 सिफारिशों को लागू किया गया। (4 सिफारिशें न्यायालय में लंबित थी) और तुरंत मुस्लिम बाहुल्य 90 जिले चिन्हित किए गए तथा 710 अल्पसंख्यक ब्लाकों तथा 66 अल्पसंख्यक बाहुल्य कस्बों तक सचर कमेटी की सिफारिशों को लागू किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में स्कॉलरशिप और फेलोशिप स्कीम के तहत 3.02 करोड़ बच्चों को स्कॉलरशिप दी जिस पर 5609 करोड़ खर्च, स्कूल कॉलेज को इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया। मुस्लिमों की बैंकों तक पहुच, मुस्लिम बहुल्य इलाकों में राष्ट्रीकृत बैंको का खोला जाना। प्रायरिटी सेक्टर लेंडिग- 16.09 प्रतिशत तक बढ़ाया गया। 25.46 करोड़ रुपये 75966 लोगों को लाभ मिला। स्कील डेवलपमेंट- सीखों और कमाओ योजना शुरु की। 118 आईटीआई और 45 पॉलिटेक्नीक कॉलेज अल्पसंख्यक क्षेत्रों में दिए। मुस्लिम बहुल्य क्षेत्रों में आईटीआई/आईटीसीएस में मुस्लिमों के लिए 234203 अतिरिक्त सीटें दी। मल्टी सेक्टरल डेवलमेंट प्लान के तहत 6291.62 करोड़ मुस्लिम क्षेत्रों में दिए। और वक्फ अमेंडमेंट बिल दोनो सदनों से पास कराकर ऐसे कई फैंसले मुस्लिमों के उत्थान के लिए किए। ईमरान मसूद ने कहा कि दिल्ली में सरकार बनने पर अल्पसंख्यकों के आर्थिक कार्यकलापों और रोजगार में समुचित हिस्सेदारी देने के लिए स्वरोजगार देने की पहल करेंगे। अल्पसंख्यकों के जीवन स्तर की दशा में सुधार लाऐंगे। मसूदे ने भाजपा द्वारा दिल्ली दंगों की बनाई गई फिल्म 2 फरवरी को रिलीज होने पर कांग्रेस द्वारा चुनाव से आपत्ति जताई थी, जिस पर चुनाव आयोग द्वारा कोई संज्ञान नही लेने पर मसूद ने आपत्ति जताई। ईमरान मसूद ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी अल्पसंख्यक समुदाय को सिर्फ वोट लेने की वक्त ही याद करती है। इन्होंने अल्पसंख्यकों की स्कॉलरशिप बंद कर दी, बजट घटा रहे है पिछले 11 वर्षों में देश और दिल्ली में अल्पसंख्यक वर्ग की पूरी तरह अनदेखी की गई है। ग्रंथियों को वेतन देने की बात करने वाले इमामों और मुअज्जिनों का वेतन रोक देते है जबकि मुस्लिम और सिक्ख दोनों अल्पसंख्यक है। अरविन्द केजरीवाल पूरी तरह बेनकाब हो चुके है। भाजपा की अल्पसंख्यक वर्ग के प्रति सोच नफरत की रही जिसे पूरा देश जानता और समझता है।