‘द दिल्ली मॉडल’ मानव पूंजी निर्माण की चुनौतियों पर जोर देता है- प्रोफेसर गौतम नायर




बोस्टन / नई दिल्ली – सरकार के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के पूर्व उपाध्यक्ष और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह की किताब “द दिल्ली मॉडल” का अमेरिकी संस्करण 15 फरवरी को बोस्टन में आयोजित हार्वर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस में लॉन्च किया गया। इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में किताब का विमोचन जस्मीन शाह, हार्वर्ड केनेडी स्कूल के प्रोफेसर गौतम नायर और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के पूर्व अध्यक्ष व ब्राउन यूनिवर्सिटी में विजिटिंग फेलो यामिनी अय्यर, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के फैकल्टी सदस्य, छात्रों और प्रोफेशनल्स सहित सहित कई प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति में किया गया और इन्होंने अपने विचार साझा किए। गत 15 और 16 फरवरी को हार्वर्ड केनेडी स्कूल और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल द्वारा संयुक्त रूप से हार्वर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें भारत सरकार, व्यापार जगत और नागरिक समाज के प्रमुख विचारकों ने भारत के विकास के लिए नए और प्रभावशाली विचारों पर चर्चा की। ‘द दिल्ली मॉडल’ के अमेरिकी संस्करण के लॉन्च के दौरान “आप” के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने सार्वजनिक सेवाओं के कुशल वितरण के लिए राज्य क्षमता निर्माण पर एक पैनल चर्चा में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि किस तरह इस मॉडल ने स्वास्थ्य और शिक्षा को भारतीय राजनीति का मुख्य मुद्दा बना दिया है। इस दौरान जस्मीन शाह ने कहा कि पिछले तीन दशकों में भारत ने एक असंतुलित विकास मॉडल देखा है, जहां अर्थव्यवस्था तो बढ़ी है, लेकिन मानव विकास में प्रगति ठप हो गई है। पिछले एक दशक में भारत का संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक में स्थान 130वें स्थान से गिरकर 134वें स्थान पर आ गया है। दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने यह साबित करके दिखाया है कि आर्थिक विकास के लिए मानव विकास को त्यागने की आवश्यकता नहीं है। दिल्ली मॉडल यह दिखाता है कि लोगों के स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश करना और उनकी कमाई की क्षमता बढ़ाना, अर्थव्यवस्था में मांग उत्पन्न करने और सतत विकास का सबसे उपयुक्त तरीका है। सार्वजनिक सेवाओं के कुशल वितरण में कमजोर राज्य क्षमता और भ्रष्टाचार सबसे बड़ी बाधाएं हैं या नहीं, इस सवाल के जवाब में जस्मीन शाह ने कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में एक दशक के अंदर हुए बदलाव हुए। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत में सार्वजनिक सेवाओं के कुशल वितरण में सबसे बड़ी चुनौती राज्य क्षमता नहीं, बल्कि राजनीतिक इच्छाशक्ति है। “आप” सरकार ने 100 से अधिक सार्वजनिक सेवाओं को घर-घर पहुंचाने, आरटीओ कार्यालयों को बंद करने और सभी ड्राइविंग टेस्ट को ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक पर ले जाने जैसे कदम उठाकर भ्रष्टाचार पर नियंत्रण किया। यह वह क्षेत्र हैं, जहां अधिकांश सरकारें संघर्ष करती हैं।जस्मीन शाह ने एक्स पर कहा कि पिछले हफ्ते बोस्टन में आयोजित हार्वर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस में मेरी किताब ‘द दिल्ली मॉडल’ के अमेरिकी संस्करण का लॉन्च करना एक अद्भुत अनुभव था।  हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के फैकल्टी, छात्रों और अमेरिका से सम्मेलन में शामिल हुए लोगों ने किताब को बहुत गर्मजोशी से स्वीकार किया।  किताब पर चर्चा करते हुए, मैंने इस बात पर बल दिया कि आम आदमी पार्टी का अनूठा शासन मॉडल, जो पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में मानव पूंजी विकास को प्राथमिकता देता है, वह भारत के विकसित राष्ट्र बनने की कुंजी है।  मैंने यह भी कहा कि ‘आप’ के नेतृत्व में दिल्ली में एक दशक के अंदर स्वास्थ्य, शिक्षा और ऐसे कई क्षेत्रों में हुए बदलाव से पता चलता है कि भारत में सार्वजनिक सेवाओं के कुशल वितरण के लिए राज्य की क्षमता नहीं, बल्कि राजनीतिक इच्छाशक्ति ही मुख्य बाधा है। अब यह किताब अमेज़न यूएस पर उपलब्ध है [a.co/d cOkM65K](a.co/d/cOkM65K) वहीं, किताब के लॉन्च के मौके पर हार्वर्ड केनेडी स्कूल के प्रोफेसर गौतम नायर ने कहा कि दिल्ली मॉडल इस महत्वपूर्ण चुनौती पर केंद्रित है कि कैसे मानव पूंजी का निर्माण किया जाए। यह एक ऐसा काम है, जिसे भारत को विकसित देश बनाने के लिए सभी नेताओं को अपनी नीतियों का मुख्य हिस्सा बनाना चाहिए। इस किताब में “आप” सरकार का नजरिया पेश किया गया है। वहीं इसमें बहुत सा डेटा और विचार भी दिए गए हैं जो भारतीय जीवन में सरकार की भूमिका पर बड़े सवालों को उठाते हैं।

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