सुषमा रानी । दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी राजधानी में दमघोटू प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस कदम उठाने की बजाय आरोप प्रत्यारोप की बयानबाजी करके वायु प्रदूषण के लिए सरकारी तंत्र को पूरी तरह असहाय बता रही हैं और प्रदूषित जल के लिए मुख्यमंत्री कह रही है कि वजीराबाद बैराज में आने वाले पानी में अमोनिया का स्तर अधिक है कि उसे ट्रीट नही किया जा सकता। यादव ने कहा कि यह चिंताजनक है कि आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री होने के बावजूद वायु और जल प्रदूषण को नियंत्रित करने में असमर्थता दिखाना उनकी नाकामी को दर्शाता है, उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
आज जहांगीरपुरी में अत्यंत खतरनाक 417 एक्यूआई दर्ज हुआ, जबकि वजीरपुर में 392, द्वारका सेक्टर 8 में 308, मुंडका में 373, रोहिणी में 388, एनएसआईटी द्वारका में 398 एक्यूआई दर्ज किया गया और मुख्यमंत्री और प्रदूषण मंत्री कह रहे है कि हम प्रदूषण नियंत्रण के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है।
यादव ने कहा कि क्यों मुख्यमंत्री आतिशी और इनका मंत्रीमंडल हरियाणा और यूपी में पराली जलाने और यमुना में औद्योगिक कचरा बिना ट्रीट किए छोड़ने की बात करते है परंतु पंजाब में पराली जलाने और दिल्ली के नालों का बिना ट्रीट किए गंदा पानी सीधा यमुना में गिर रहा है, जिसके लिए दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी सीधे तौर पर जिम्मेदार है, उस पर पूरी तरह चुप क्यों हैं। उन्होंने कहा कि आतिशी को बयान देते हुए यह समझना चाहिए कि वो एक प्रदेश की मुख्यमंत्री है, उन्हें औछी भाषा और आरोप प्रत्यारोप करने की जगह अपने पद की संवैधानिक ताकत का इस्तेमाल करके दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए काम करें।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में लोगां का विश्वास खो चुकी आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की मुख्यंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पिछले 11वर्षों में प्रदूषण जैसी प्रमुख समस्या के असफल प्रयास करने के अलावा कुछ नही किया। श्री यादव ने कहा कि आतिशी कह रही है कि हम पानी के स्पे, एंटी-स्मॉग गन के जरिए प्रदूषण नियंत्रण का समाधान कर रहे है। मैं पूछना चाहता हूॅ, क्या 1,47,488 हैक्टेयर क्षेत्रफल की दिल्ली का प्रदूषण पानी के स्प्रे, एंटी स्मॉग गन या रेड लाईट ऑन, गाड़ी ऑफ जैसे नाकाम प्रयासों से प्रदूषण नियंत्रित हो सकता है?
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी, मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्रीमंडल सभी दमघोटू प्रदूषण को नियंत्रित करने की बजाय दिल्ली वालों को भ्रमित करने का काम कर रहे है। जब आई.ए.आर.आई के आंकडे साफ दर्शा रहे है कि पंजाब में पराली जलाने के 1581 मामले हुए है, हरियाणा में 665 और उत्तर प्रदेश में 740 घटनाएं हुई फिर अरविन्द केजरीवाल, आतिशी, गोपाल राय सहित आप नेता क्यों पंजाब के राजनीति हित में सरंक्षण कर रहे है जबकि आंकड़ो के अनुसार पंजाब ने उत्तर भारत को पराली प्रदूषण की आग में झौंकने का बड़ा दोषी है, जिसके प्रति सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता व्यक्त की है, क्योंकि पिछले वर्ष 2023 में पंजाब में लगभग 9000 घटनाएं पराली जलाने की सामने आई थी।