छात्रों को आर्थिक मदद से लेकर संसाधन तक मुहैया करा रहे हैं छात्र व कॉलेज

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नई दिल्ली। देश भर में कोविड-19 से उपजी स्थिति का सीधा असर उनकी आय पर पड़ा है। डीयू के विभिन्न कॉलेजों में भी बड़ी संख्या में छात्र ऐसे वर्ग से आते हैं, जिनके पास समुचित संसाधन नहीं हैं। किसी के पास फीस देने के लिए पैसे नहीं हैं तो किसी के पास ऑनलाइन क्लास लेने के लिए उपकरण या डेटा पैक के पैसे नहीं हैं। लेकिन डीयू के सेंट स्टीफंस सहित अन्य कॉलेजों के विद्यार्थी डीयू के ऐसे छात्रों की मदद के लिए आगे आए हैं।

यह कॉलेजों से मदद न लेकर पूर्व छात्र, अपने सहयोग या अन्य माध्यमों से मदद ले रहे हैं। कुछ कॉलेज भी इस दिशा में अपने स्तर पर पहल कर रहे हैं। लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्राएं, राजधानी कॉलेज की युवा सोसाइटी तथा कुछ कॉलेजों के शिक्षक भी अपने स्तर पर छात्रों की मदद के लिए आगे आए हैं।

सेंट स्टीफंस कॉलेज में बीए प्रोग्राम अंतिम वर्ष की गोवा निवासी छात्रा ईविता ने छात्र-छात्राओं की समस्या को देखते हुए एक पोस्टर ट्विट किया और लिखा कि डीयू के छात्रों के लिए आपकी आर्थिक मदद चाहिए। उन्होंने इसके नीचे नंबर भी लिखा। बाद में गूगल फार्म भी जारी किया गया जिससे जरूरतमंद छात्र उसे भरकर इन छात्रों को भेज सकें।

ईविता बताती हैं कि 100 से अधिक छात्रों ने अब तक फीस के लिए आवेदन किया था जिसकी मदद की गई। 10 नवंबर को ट्विट करने के बाद कई लोग आगे आए। उन लोगों से लगभग 6 लाख रुपये एकत्रित हुए।

ईविता बताती हैं कि सेंट स्टीफंस के छात्र छात्राओं की एक टीम है जो गूगल फार्म पर आए आवेदन की स्क्रीनिंग करती है। हम छात्रों से उनकी बैंक डिटेल के साथ उनकी समस्या, जरूरत के साथ आय प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड भी मांगते हैं। ताकि हम इसकी पुष्टि कर सकें कि छात्र का आवेदन सही है। उसके बाद मदद करने वालों को यह जानकारी भेजी जाती है, यदि मदद करने वाले छात्र का नंबर चाहते कि वह उनसे बात कर सकें तो वह भी उपलब्ध कराया जाता है। 40 छात्रों ने हमसे संपर्क किया है कि दिसंबर में परीक्षा है और उनको लैपटाप चाहिए। इस संबंध में जब हमने ट्विट किया तो लोग मदद को आए हैं। हमारे पास लगभग 20 लैपटॉप देने के लिए संपर्क किया गया और यह लैपटॉप डाक के माध्यम से छात्रों तक पहुंचाया गया है। कई छात्र अपने स्तर पर उन छात्रों को इंटरनेट डेटा का पैसा मुहैया करा रहे हैं जो डेटा पैक नहीं भरा पाते हैं।

ईविता बताती हैं कि ऐसे छात्रों की संख्या अधिक है, कई छात्र तो हम तक अपनी परेशानी पहुंचा भी नहीं पा रहे हैं। उन्होंने इस बाबत जानकारी के लिए सोशल मीडिया पर यह नंबर 9645520438, 8130200284 भी जारी किया है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों ने कोविड-19 से उपजी स्थिति के बाद छात्रों की परेशानियों को समझते हुए उनको सहूलियत देने का निर्णय लिया है।

शिवाजी कॉलेज में 9 नवंबर को हुई गवर्निंग बॉडी की बैठक में निर्णय लेते हुए द्वितीय व तृतीय वर्ष के सभी छात्रों की विभिन्न मदों की 6350 रुपये प्रति छात्र फीस माफ कर दी है। इसमें स्नातक के अलावा परास्नातक के भी छात्र हैं।

सेंट स्टीफंस कॉलेज ने छात्रों की मदद के लिए पूर्व छात्रों से मदद की मांग की है। यही नहीं लेडी श्रीराम कॉलेज ने तो अपने यहां जरूरतमंद छात्रों को लैपटॉप देने के लिए या फीस संबंधी समस्या व हॉस्टल आदि की सुविधा को देखने के लिए एक समिति बनाई है।

राजधानी कॉलेज की गवर्निंग बॉडी ने यह प्रस्ताव पास किया है कि जिस मद में छात्र से पैसा लिया गया है और छात्र उसका उपयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे मद में छात्रों का पैसा इस सत्र में नहीं लिया जाएगा। इस तरह कॉलेज ने 2010 रुपये फीस से माफ करने का निर्णय लिया है। लक्ष्मीबाई कॉलेज ने सभी छात्राओं को अपने यहां किश्त में फीस जमा करने की सहूलियत दी है। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. प्रत्यूष वत्सला का कहना है कि कॉलेज ने फीस देने में परेशानी व्यक्त करने वाली छात्राओं से आवेदन लिया और ऐसी लगभग 100 छात्राओं की पूरी फीस माफ की। जिसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और डीयू को जाने वाली फीस भी शामिल है। उन्होंने बताया कि कॉलेज ने यह राशि कॉलेज को मिलने वाले अनुदान से पूरी की। जिसमें कॉलेज की भूतपूर्व शिक्षिका कौशल्या वर्मा द्वारा 10 लाख का मिला दान शामिल है।