
नई दिल्ली। नांगल राया घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग की एक टीम ने बुधवार को घटना स्थल का दौरा किया। आयोग ने ट्विटर पर घटना के रिपोर्ट होने के बाद इसपर स्वत: संज्ञान लिया है।
टीम ने इस पूरी घटना को लेकर घटनास्थल पर दौरा करने के साथ पीड़ित परिवार से भी पूरे मामले की जानकारी ली है। आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला के निर्देश पर अरुण हालदर की अध्यक्षता में आयोग की टीम ने मौके का दौरा किया। आयोग के मुताबिक पीड़िता के माता-पिता ने मुलाकात के दौरान बताया कि घटना के समय उनकी बेटी श्मशान से पानी लेने गई थी। लेकिन कुछ समय बाद ही उन्हें जानकारी मिली की उनकी बेटी की मौत के बाद उसे जला दिया गया है। माता-पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया और पुजारी ने यह झूठ बोलकर उसका जबरन अंतिम संस्कार करा दिया कि उसकी मौत बिजली का करंट लगने से हुई है। पीड़िता के अभिभावकों ने दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है। आयोग की टीम ने इस मामले में स्थानीय जिलाधिकारी, जिला पुलिस उपायुक्त दक्षिण-पश्चिम व अन्य अधिकारियों से भी मुलाकात की है। आयोग की सिफारिश पर मामले में प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज अधिनियम और पोस्को अधिनियम की धाराएं भी लगाई गई हैं। आयोग का कहना है कि उन्होंने ने सचिव, एससी/एसटी विभाग, दिल्ली सरकार के साथ भी एक बैठक की, जिसमें उन्होंने नियमानुसार पीड़िता के परिवार को तत्काल मुआवजा देने का निर्देश दिया है।