नई दिल्ली। दिल्ली के लिए जुलाई का महीना मौसम की दृष्टि से बहुत ही अजीबोगरीब रहा क्योंकि इस महीने में पांच दिन लू चली, जो 2012 के बाद से अधिकतम है। इसके अलावा मानसून भी दो सप्ताह की देरी से आया, जो असामान्य है और लगभग दो दशकों के रिकॉर्ड को तोड़ने वाली मूसलाधार बारिश हुई। राष्ट्रीय राजधानी में इस महीने की शुरुआत प्रचंड गर्मी से हुई। लगातार तीन दिन-एक, दो और तीन जुलाई को लू चली। जुलाई के लिए औसत अधिकतम तापमान 36.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि दीर्घावधि औसत 35.5 डिग्री सेल्सियस था। मौसम विभाग के लिए मानसून के राजधानी में पहुंचने को लेकर सटीक पूर्वानुमान लगाना मुश्किल हो गया था। भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 13 जुलाई को मानसून ने दस्तक दिया, जो 19 वर्षों में सबसे अधिक विलंब से पहुंचने वाला मानसून बन गया। इतनी देर से मानसून के पहुंचने के बावजूद राजधानी में इस महीने में 16 बरसात के दिन दर्ज किए गए, जो पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक है। मानसून के शहर में पहुंचने से पहले तीन दिन बारिश हुई थी। शहर का आधिकारिक आँकड़ा देने वाला सफदरजंग वेधशाला ने इस जुलाई में 507.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज किया, जो कि 210.6 मिमी की दीर्घावधि औसत से लगभग 141 प्रतिशत अधिक है। यह जुलाई 2003 के बाद से इस महीने में हुई सबसे अधिक वर्षा भी थी और अब तक की दूसरी सबसे अधिक वर्षा थी। आईएमडी के अनुसार, 2013 में, दिल्ली में 340.5 मिमी बारिश हुई थी। जुलाई 2003 में अब तक का रिकॉर्ड 632.2 मिमी वर्षा हुई थी। कुल मिलाकर, दिल्ली में एक जून से अब तक 570.1 मिमी बारिश हुई है, जो मानसून की शुरुआत के समय के सामान्य 281.9 मिमी के मुकाबले 102 प्रतिशत अधिक है। दिल्ली में जुलाई में 16 बरसात के दिनों में, तीन मौकों पर भारी बारिश हुई – 18-19 जुलाई को 69.6 मिमी, 26-27 जुलाई को 100 मिमी और 29-30 जुलाई को 72 मिमी बारिश हुई।
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