पिछले पांच वर्षों में भाजपा के राज्यों में 70 से अधिक पेपर लीक की घटनाएं हुई, इससे 1.70 करोड़ बेरोजगार युवा प्रभावित हुए हैं- संजय सिंह



नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को संसद में सरकारी स्कूलों को लेकर मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे झूठे दावों की पोल खोलकर रख दी। उन्होंने कहा कि 2022-23 और 2023-24 में देश भर में करीब 54.77 लाख बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया। इसमें उत्तर प्रदेश, गुजरात व असम समेत अन्य भाजपा शासित राज्यों में सबसे अधिक बच्चों ने सरकारी स्कूल छोड़ा है। उन्होंने पेपर लीक की घटनाओं पर भी भाजपा सरकारों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में भाजपा के राज्यों में 70 से अधिक पेपर लीक की घटनाएं हुई और इससे 1.70 करोड़ बेरोजगार युवा प्रभावित हुए हैं। शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को सिर्फ किताबी ज्ञान देना नहीं है, बल्कि देश के असली इतिहास व सांस्कृतिक धरोहरों से भी परिचित कराना होना चाहिए। इसके अलावा, संजय सिंह ने पिछले 5 वर्षों में पेपर लीक की घटनाओं पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि पिछले 5 वर्षों में 70 से अधिक पेपर लीक की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें नीट, कांस्टेबल और क्लर्क जैसी परीक्षाएं भी शामिल हैं। लगभग 1 करोड़ 70 लाख बेरोजगार छात्र और युवा इन पेपर लीक की घटनाओं से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि यूपी में 69,000 कांस्टेबल पदों के लिए परीक्षा आयोजित करने का ठेका एडुटेस्ट कंपनी को दिया गया। जिसकी जांच में गड़बड़ी पाई गई थी। यह कंपनी भाजपा से जुड़े एक व्यक्ति विनीत आर्य द्वारा संचालित थी, जिसका संबंध भाजपा के बड़े नेताओं से था। इतने बड़े घोटाले में कंपनी को ब्लैकलिस्ट किए जाने के बाद भी बिहार में परीक्षा संचालित करने का ठेका दिया गया। यह दर्शाता है कि भाजपा कैसे अपने कारोबारी मित्रों को जनता के धन से लाभ पहुंचाती है। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वे भारतीय इतिहास में बदलाव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप स्कूली शिक्षा में मुग़ल साम्राज्य की क्रूरता को पढ़ाए और साथ ही अंग्रेजों द्वारा 200 वर्षों तक भारत में किए गए शोषण को भी पढ़ाए। मैं यह चाहता हूं कि जो लोग जलियांवाला बाग कांड के जिम्मेदार हैं, उन्हें भी बताया जाए। उन्होंने मांग की कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों जैसे भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, अशफाक उल्ला खान, खुदीराम बोस, राजेंद्र लाहिड़ी और रामप्रसाद बिस्मिल को फांसी पर चढ़ाने के जिम्मेदार अंग्रेजों के क्रूरता को भी पढ़ाया जाए। उन्होंने आरएसएस और भाजपा के इतिहास पर तंज कसते हुए कहा कि आप जब अंग्रेजी क्रूरता को पढ़ाएंगे, तब आपको यह भी पढ़ाना पड़ेगा कि वह कौन सी संस्था थी जिसने तिरंगे का विरोध किया, वह कौन सी संस्था थी जिन्होंने अंग्रेजी की गुलामी और दलाली की और आपको ये भी पढ़ाना पड़ेगा कि वह कौन सी संस्था थी जिसके नेता ने अंग्रेज गवर्नर को चिट्ठी लिखकर कहा कि 1942 के स्वतंत्रता आंदोलन को दबाया जाए और वह कौन सी संस्था थी जिसने क्रांतिकारियों का विरोध करके मुस्लिम लीग के साथ 3 राज्यों में सरकार बनाने का अपराध किया था। संजय सिंह ने स्पष्ट किया कि शिक्षा का सही उद्देश्य बच्चों को न केवल किताबी ज्ञान से, बल्कि देश के असली इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर से भी परिचित कराना होना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है, ताकि आने वाली पीढ़ियां सही और समृद्ध शिक्षा प्राप्त कर सकें।

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