नई दिल्ली। राजधानी में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने कई नए दिशा-निर्देश का प्रस्ताव दिया है। इसमें 20 हजार वर्ग मीटर से बड़े निर्माण स्थल पर 3 रियल टाइम मॉनिटर और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का प्रस्ताव भी शामिल है। रियल टाइम मॉनिटर के जरिए वहां से डेटा सीधे दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को भेजा जाएगा और वह इसका अध्ययन करेगी। अगर निर्धारित मात्रा से ज्यादा प्रदूषण पाया जाता है तो डीपीसीसी उन पर जुर्माना लगाएगी। ड्राफ्ट किए गए दिशा-निर्देशों में इस बात का भी जिक्र है कि निर्धारित समय अवधि के अंदर अगर निर्माण इकाई की ओर से कार्रवाई नहीं की जाती है तो जुर्माना भी बढ़ाया जा सकता है और अगर पहले जुर्माने के 24 घंटे के अंदर कार्रवाई नहीं होती है तो दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ऐसे साइट को बंद भी कर सकती है। नियम का उल्लंघन करने पर 3 लाख रुपये से लेकर सीज करने तक की कार्रवाई हो सकती है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि कंस्ट्रक्शन साइट पर डीपीसीसी की ओर से समय-समय पर औचक निरीक्षण भी किया जाएगा। रियल टाइम मॉनिटर से प्राप्त डाटा को डीपीसीसी की ओर से विश्लेषित किया जाएगा और उल्लंघन के आधार पर जुर्माना लगाया जाएगा। अगर मौजूदा सिस्टम से कोई छेड़छाड़ होती है तो डीपीसीसी भारी जुर्माना भी ऐसे निर्माण इकाइयों से वसूलेगी। डीपीसीसी से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया कि अगर किसी निर्माण साइट पर रीयलटाइम मॉनिटर को ऑफलाइन पाया जाता है या दिन में 144 मिनट से ज्यादा डाटा नहीं मिला तो उन पर प्रति मिनट एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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