देश की दोनों बड़ी पार्टियों को बाबा साहब से कोई प्यार नहीं, मजबूरी में इनको बाबा साहब को इज्जत देने का दिखावा करना पड़ता है- केजरीवाल





नई दिल्ली – आदमी पार्टी मुख्यालय पर सोमवार को संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा साहब डॉ. अंबेडकर की 134वीं जयंती बड़ी धूमधाम के साथ मनाई गई। समारोह के मुख्य अतिथि ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत अन्य नेताओं ने बाबा साहब को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहब आम आदमी पार्टी के आदर्श है। हम उनके दिखाए रास्ते पर चलकर हर व्यक्ति तक शिक्षा, सम्मान और सुविधाएं पहुंचाने का काम कर रहे हैं। लेकिन देश की दोनों बड़ी पार्टियों को बाबा साहब से कोई प्यार नहीं है। ये सिर्फ वोट बैंक के खातिर मजबूरी में बाबा साहब की इज्जत करने का दिखावा करते हैं और इन्होंने जानबूझ कर इस देश को गरीब और अनपढ़ रखा है। इस अवसर पर पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया, दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज, नेता प्रतिपक्ष आतिशी, गोवा के प्रभारी पंकज गुप्ता, पंजाब के सह प्रभारी सत्येंद्र जैन समेत अन्य लोग शामिल हुए।
कई राजनैतिक पार्टियां व नेता बाबा साहब के विचारों को नहीं मानते हैं लेकिन उन्हें श्रद्धांजलि देने का दिखावा करते हैं- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने बाबा साहब डॉ. अंबेडकर और शहीद भगत सिंह को अपना आदर्श माना है। हमने तय किया है कि उनके जीवन संघर्ष से प्रेरणा लेंगे और उनके बताए हुए संदेश के मुताबिक आगे बढ़ेंगे। हम लोग उसी दिशा में अपनी पार्टी और जहां ‘‘आप’’ की सरकारें हैं, उनको चलाने की कोशिश करते हैं। हम देखते हैं कि आज की राजनीति में कई पार्टियां और कई नेता बाबा साहब को श्रद्धांजलि देने, माला पहनाने, फूल अर्पित करने का एक झूठा दिखावा करते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आप अपने बेटे को किसी रास्ते पर चलने को कहते हैं। लेकिन बेटा उस रास्ते पर नहीं चले और जो काम कहें, जो सीख दें, वह उसका उल्टा करे। लेकिन रोज आपकी तश्वीर लगाकर माला, फूल चढ़ाए और आपकी पूजा करे तो आप अपने बेटे को दो थप्पड़ मारेंगे और कहेंगे कि मैं जो कहता हूं, वह तो करता नहीं है, मेरी पूजा करने का दिखावा करता है। कुछ ऐसा ही आज इन सारी पार्टियों और नेताओं ने बाबा साहब के साथ कर रखा है।
सभी बच्चों को एक समान व अच्छी शिक्षा मिलेगी तभी देश तरक्की कर सकता है- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बाबा साहब ने जो संदेश और उनके जो विचार थे, उस पर कोई नहीं चलेगा, बल्कि उसके उल्टा करेंगे। लेकिन बाबा साहब को फूल-माला चढ़ाएंगे, दिखावा करने के लिए उनकी पूजा करंेगे। बाबा साहब ने सबसे ज्यादा तबज्जो शिक्षा को दी थी। अगर हम चाहते हैं कि हमारा सारा समाज एक पीढ़ी के अंदर आगे बढ़े, सबको बराबरी का अधिकार मिले और सबकी गरीबी दूर हो तो वह केवल अच्छी शिक्षा से ही संभव हो सकती है। अगर हम अपने बच्चों को एक समान और अच्छी शिक्षा नहीं देंगे तो देश तरक्की नहीं कर सकता है। ये सारी पार्टी वाले और नेता इसका उल्टा करते हैं। ये शिक्षा पर जोर नहीं देंगे। अब दिल्ली के अंदर शिक्षा को लेकर जो कुछ चल रहा है, वह बहुत दुखद है।
इन लोगों ने दो महीनों में ही दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था का बेड़ा गर्क कर दिया- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब हम राजनीति में आए थे तो हम सोचा करते थे। हम एनजीओ और झुग्गियों में काम किया करते थे तो दिल्ली में सरकारी स्कूलों की बहुत बुरी दशा देखते थे। गरीबों के बच्चों के लिए बहुत बुरी शिक्षा थी। हम देखते थे कि प्राइवेट स्कूल वाले कैसे बच्चों और उनके माता-पिता का शोषण करते थे। मनमर्जी फीस बढ़ाते जाते हैं। जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो अन्य क्षेत्रों में बहुत अच्छा भले न हुआ हो, लेकिन हमने शिक्षा का अच्छा इंतजाम कर दिया। सरकारी स्कूलों को शानदार कर दिए। प्राइवेट स्कूलों को 10 साल तक फीस नहीं बढ़ाने दी। लेकिन दिल्ली में सरकार बदले अभी दो महीने भी पूरे नहीं हुए और इन दो महीनों में ही इन्होंने दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था का बेड़ा गर्क कर दिया। ऐसा लग रहा है कि एकदम से लूट मच गई है। सभी प्राइवेट खराब नहीं होते हैं, लेकिन कुछ प्राइवेट स्कूल भूखे भेड़िये की तरह बच्चों के मां-बाप पर झपट्ठे मार रहे हैं। बच्चों को लाइब्रेरी के अंदर बंद कर दिया जाता है और बच्चों को क्लास में बैठने नहीं दिया जाता है। प्राइवेट स्कूलों में पैरेंट्स के साथ तानाशाही बर्ताव किया जा रहा है।अनाप-शनाप फीस बढ़ाई जा रही है। कई प्राइवेट स्कूलों ने दोगुनी तक फीस बढ़ा दी है। कइयों ने 40 से 80 फीसद तक फीस बढ़ा दी है। बच्चों के मां-बाप इतनी फीस कहां से लाएंगे।
दिल्ली में ‘‘आप’’ सरकार के हर अच्छे काम को ये लोग बंद करते जा रहे हैं- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर एक पैरेंट्स को कहते हुए देखा कि निजी स्कूल ने एक साल का खर्चा दो लाख कर दिया है। किसी भी जिम्मेदार सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह शोषण के खिलाफ लोगों को बचाए, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि यही लोग शोषण करवाने में शामिल हैं। दस साल में हमने सरकारी स्कूल कितनी मुश्किल से ठीक किए थे। लेकिन इन्होंने हैपीनेस, देशभक्ति, बिजनेस ब्लास्टर्स और मिशन बुनियाद करिकुलम बंद कर दिया। हमने सरकारी स्कूलों में जितने अच्छे काम किए थे, ये लोग एक-एक कर सबको बंद करते जा रहे हैं।