नई दिल्ली। दिल्ली कैंट में बच्ची से हुई कथित दरिंदगी के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अदालत के समक्ष 400 पेज का आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इस आरोप पत्र में बताया गया है कि किस तरीके से पूरी वारदात को अंजाम दिया गया। इस मामले में अदालत ने 31 अगस्त की तारीख आरोपपत्र पर संज्ञान के लिए तय की है। इस मामले को फास्टट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिश्वाल के अनुसार, दिल्ली कैंट इलाके में बीते 2 अगस्त को एक बच्ची की मौत का मामला सामने आया था। छानबीन के दौरान पुलिस ने इस घटना में हत्या, गैर इरादतन हत्या, सामूहिक दुष्कर्म, सबूत मिटाना, पोक्सो एक्ट और एससी/एसटी एक्ट सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया था। इस मामले में प्राथमिक छानबीन के बाद मामले की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई थी। क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच पूरी करने के बाद 400 पेज की चार्जशीट पटियाला हाउस स्थित मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मनुश्री की अदालत में दाखिल कर दी है। अदालत ने संज्ञान के लिए इस पर 31 अगस्त की तारीख तय की है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, इस घटना को लेकर एफआईआर दर्ज करने के बाद 5 अगस्त को मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी। इसके लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया था, जिसमें डीसीपी मोनिका भारद्वाज की देखरेख में एसीपी संदीप लांबा, रिछपाल सिंह, इंस्पेक्टर नीरज, एसआई आशा और अनुज को छानबीन की जिम्मेदारी दी गई थी। छानबीन के दौरान टेक्निकल जांच के अलावा साइंटिफिक जांच भी क्राइम ब्रांच की टीम ने की। महत्वपूर्ण बयानों को दर्ज किया गया। इसके अलावा रोहिणी स्थित फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री और दिल्ली पुलिस के फॉरेंसिक एक्सपर्ट से भी छानबीन करवाई गई। आरोपियों से पूछताछ के लिए फॉरेंसिक साइकोलॉजिस्ट को भी दिल्ली पुलिस ने जांच में शामिल किया।
दिल्ली पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 30 दिन से पहले ही इस मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इसमें चारों आरोपियों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। यह चारों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा यह निर्देश दिए गए थे कि पूरे मामले की जांच के बाद 30 दिन से पहले आरोप पत्र दाखिल होना चाहिए। इस मामले की जांच फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगी।