
नई दिल्ली : भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत गठित स्वायत्त संस्था भारत रूरल लाइवलीहुड्स फाउंडेशन (बीआरएलएफ) ने एक्सिस बैंक फाउंडेशन के सहयोग से “समन्वय: राष्ट्रीय जनजातीय आजीविका शिखर सम्मेलन” के पहले संस्करण का शुभारंभ किया है। समन्वय का उद्देश्य भारत के ग्रामीण विकास परिदृश्य में महत्वपूर्ण मुद्दों और अवसरों पर बहु-हितधारकों के विचार-विमर्श के लिए एक सामूहिक मंच प्रदान करना है। समन्वय संस्कृत के लिए गए शब्द “सम” (समानता) और “अन्वय” (एकता) से प्रेरित है जो विभिन्न दृष्टिकोणों, अनुभवों, विशेषज्ञता और संसाधनों के सामंजस्यपूर्ण समावेशन का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य प्रणालीगत चुनौतियों का समाधान करना और न्यायसंगत विकास को बढ़ावा देना है। यह सम्मेलन भारत के ग्रामीण विकास की रूपरेखा को आकार देने वाले नागरिक समाज संगठनों, कॉर्पोरेट संस्थाओं, सरकारी निकायों, जन संस्थानों, जनजातीय समुदायों और युवा नेताओं सहित सभी हितधारकों के विचारों, अनुभवों, ज्ञान और सीखने की एक समेकित धारा को विकसित करने का प्रयास करता है। इस प्रतिष्ठित वार्षिक कार्यक्रम में सरकारी अधिकारी, नागरिक समाज संगठन (CSOs), कॉर्पोरेट नेता, नीति निर्माता, विचारक और जनजातीय समुदायों के प्रतिनिधि एक साथ आए ताकि भारत के ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में समावेशी और सतत आजीविका के लिए नवीन समाधानों पर विचार किया जा सके। प्रमुख प्रतिभागियों में विभु नायर, माननीय सचिव, जनजातीय कार्य मंत्रालय, प्रमोद बोरो, मुख्य कार्यकारी सदस्य, बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल, असम, अंशु सिंह, उप महानिदेशक, जनजातीय कार्य मंत्रालय, पी लालरिनपुई, माननीय मंत्री, मिजोरम सरकार, ध्रुवी शाह, कार्यकारी न्यासी और सीईओ, एक्सिस बैंक फाउंडेशन, नंद कुमार, IAS, महानिदेशक – मनरेगा, महाराष्ट्र सरकार शामिल हैं इस कार्यक्रम के शुभारंभ पर पद्मश्री गिरीश प्रभुणे, अध्यक्ष, बीआरएलएफ और कुलदीप सिंह, सीईओ, बीआरएलएफ ने बहु-क्षेत्रीय सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा,” समन्वय केवल एक शिखर सम्मेलन नहीं, बल्कि एक अभियान है, जो मजबूत और सतत ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं के निर्माण के लिए समर्पित है। विविध विचारों और हितधारकों को एक मंच पर लाकर, यह एक सामूहिक संकल्प को प्रेरित करता है, जिससे जनजातीय और ग्रामीण समुदायों को समान अवसर मिलें और वे विकास एवं समृद्धि की मुख्यधारा में सशक्त रूप से जुड़ सकें।“ ध्रुवी शाह, कार्यकारी न्यासी (ट्रस्टी) और सीईओ, एक्सिस बैंक फाउंडेशन ने कहा,”समन्वय 2025, बीआरएलएफ की 10 वर्षों की यात्रा का उत्सव है और यह दर्शाता है कि ग्रामीण भारत, विशेष रूप से जनजातीय बहुल क्षेत्रों में आजीविका से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए सहयोग और भागीदारी कितनी आवश्यक है। यह विभिन्न हितधारकों के लिए एक मंच है, जहां वे संवाद कर सकते हैं और हमारे सामूहिक उद्देश्य – ‘ग्रामीण भारत में जीवन और आजीविका को बेहतर बनाने’ पर विचार कर सकते हैं।” प्रमोद बोरो, मुख्य कार्यकारी सदस्य, बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल, असम ने कहा,”किसी भी सतत विकास पहल की सफलता स्थानीय शासन और ज़मीनी स्तर पर भागीदारी से सुनिश्चित होती है। बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल जनजातीय आजीविका को सशक्त बनाने के लिए सहभागी विकास और नीति नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।” समावेशी और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए, बीआरएलएफ सभी हितधारकों से नवीन प्रतिबद्धताओं को प्रेरित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय 2025 में किए गए अन्वेषणों को आगे बढ़ाने हेतु आगामी क्षेत्रीय सभाओं का आयोजन किया जाएगा। इन वार्षिक और क्षेत्रीय सभाओं से उभरने वाली नवीनीकृत प्रतिबद्धताएं जीओ-एनजीओ सहयोग को मजबूत करेंगी, गरीबी और स्थायी आजीविका को दूर करने के लिए नवीन रणनीतियों को बढ़ावा देंगी। यह वार्षिक सम्मेलन सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG) 2030 की चुनौतियों से निपटने, वंचित समुदायों को सशक्त बनाने और एक समावेशी भविष्य की दिशा में सामूहिक प्रयासों को गति देगा।