
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को तीन दिन के लिए सदन की बैठक से निष्कासित किया गया है। इस सिलसिले में आतिशी नेता प्रतिपक्ष ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने अपने विधायकों के साथ उनसे मिलने की इच्छा जताई है
आदरणीय राष्ट्रपति महोदया :- आपके संज्ञान में एक अत्यंत गंभीर एवं संवेदनशील विषय लाना चाहती हूँ, जो भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। दिल्ली में भाजपा की सरकार ने दिल्ली सरकार के विभिन्न दफ्तरों से संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की तस्वीर हटा दी है। ये न केवल देश के वीर सपूतों का अपमान है बल्कि दलित, पिछड़े और वंचित समाज का भी अपमान है। जब आम आदमी पार्टी ने विपक्ष के रूप में इस कदम का विरोध किया और इस गंभीर मुद्दे को सदन में उठाने का प्रयास किया, तो विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने अलोकतांत्रिक रूप से आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को 25 फरवरी को तीन दिनों के लिए सदन की बैठकों से निष्कासित कर दिया।आज 27 फरवरी को जब आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली विधानसभा जा रहे थे, तो दिल्ली पुलिस द्वारा भारी बैरिकेडिंग कर हमे विधानसभा के परिसर के बाहर ही रोक दिया गया। जनता द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को विधानसभा तक पहुंचने से रोका जाना लोकतंत्र की हत्या है। इस कारण विपक्ष के विधायकों को सड़क पर ही धरने पर बैठना पड़ा। यह देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि विपक्ष को विधानसभा परिसर में भी प्रवेश नहीं करने दिया गया। यह घटनाक्रम भारत के लोकतांत्रिक इतिहास पर एक काला धब्बा है। अगर विपक्ष को इस तरह रोका जाएगा, तो जनता के मुद्दे कौन उठाएगा? लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों का होना जरूरी है, ताकि आम लोगों की आवाज़ सुनी जा सके। लेकिन अभी जो हो रहा है, वह विपक्ष को दबाने की कोशिश है, जिससे जनता की आवाज़ भी दब रही है। इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी का विधायक दल आपसे तत्काल मुलाकात करना चाहते हैं ताकि इस तानाशाही के खिलाफ उचित कदम उठाए जा सकें। यह सिर्फ दिल्ली का मामला नहीं, बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र पर संकट का संकेत है। हम उम्मीद करते है कि आप इस अति गंभीर मामले पर तत्काल संज्ञान लेने की कृपा करेंगी और आम आदमी पार्टी के विधायकों को आपसे मिलने के लिए कल दिनांक 28/02/2025 का कोई समय निर्धारित करने की कृपा करेंगी।