
नई दिल्ली – सांसद इमरान प्रतागढ़ी ने घोषणा पत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों और उनके उत्थान की योजनाओं के संदर्भ में विस्तार पूर्वक चर्चा करने के लिए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित किया।संवाददाता सम्मेलन में सांसद इमरान प्रतागढ़ी के साथ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन अब्दुल वाहिद कुरेशी मुमताज पटेल, कांग्रेस प्रवक्ता ज्योति सिंह, कम्युनिकेशन विभाग की रश्मि सिंह मिगलानी, आस्मा तस्लीम, डा0 अरुण अग्रवाल, भी मौजूद थे। इमरान प्रतागढ़ी ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने पिछले 10 वर्षों में अल्पसंख्यकों की पूरी तरह अनदेखी की है और जब दिल्ली में अल्पसंख्यकों सरकार या सरकार के नुमाईंदों की जरुरत पड़ी तब आम आदमी पार्टी और उनके तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल कहीं खड़ी नजर नही आई। यहां तक कि उनकी पार्टी में किसी मुस्लिम को ंकोई बड़ी जिम्मेदारी नही दी गई और पंजाब और दिल्ली के राज्यसभा सदस्य बनाने में मुस्लिम या दलित को पूरी तरह नजर अंदाज किया गया। इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी अल्पसंख्यकों विशेषतौर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भाजपा के साथ खड़ी नजर आती है। दिल्ली के लोगों में केजरीवाल और उसकी पार्टी के खिलाफ गुस्सा है और अल्पसंख्यक समुदाय कहता दिखाई पड़ रहा है जब तुम्हे हमारी फिक्र नही तब हम क्यों फिर अरविन्द केजरीवाल या आम आदमी पार्टी को मौका दें। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी बहरुपियों की पार्टी है और मैं बहरुपिये भ्रष्टाचारी अरविन्द केजरीवाल से कुछ सवाल करता हूॅ।
1. जहांगीरपुरी और पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक हिंसा पर आपकी चुप्पी
दिल्ली के जाहंगीरपुरी और पूर्वी दिल्ली इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा के बाद न तो आपने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और न ही पीड़ित एवं असुरक्षित समुदायों के पक्ष में सार्वजनिक रूप से कुछ बोला। दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में आपने चुप्पी क्यों साधे रखी? तब से लेकर अब तक आपने प्रभावित समुदायों की समस्याओं का समाधान करने और उनका विश्वास बहाल करने के लिए क्या कदम उठाए हैं – विशेष रूप से जाहंगीरपुरी और पूर्वी दिल्ली जैसे क्षेत्रों में?
2. बिलकिस बानो मामले पर मनीष सिसोदिया की शर्मनाक चुप्पी
बिलकिस बानो मामले ने जाति धर्म से परे जाकर देश की संवेदनाओं को झकझोर दिया था। लेकिन तब मनीष सिसोदिया ने उस शर्मनाक घटनाक्रम की निंदा करने या उसपर किसी तरह की टिप्पणी करने से स्पष्ट शब्दों में इंकार कर दिया था। इससे न्याय के प्रति AAP की प्रतिबद्धता को लेकर गंभीर सवाल उठते हैं। उस मामले के लिए ज़िम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने या पीड़िता के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए AAP ने क्यों कुछ नहीं किया?
3. CAA & NRC प्रोटेस्ट के दौरान शाहीन बाग को लेकर आपका बयान
शाहीन बाग में हो रहा प्रदर्शन CAA और NRC जैसे भेदभाव से भरे कानूनों के ख़लिफ़ शान्तिपूर्ण विरोध का प्रतीक था। लेकिन आपने क्षेत्र को “ख़ाली कराने“ को लेकर जो बयान दिया था, उससे उस दौरान हो रहे प्रदर्शनों की वैधता को लेकर गंभीर सवाल उठे और कमज़ोर समुदायों की आवाज़ और कमज़ोर हुई। क्या नागरिक स्वतंत्रता और असहमति के प्रति AAP का यही दृष्टिकोण है?
4. निजामुद्दीन मरकज का मामला
कोराना महामारी के दौरान निजामुद्दीन मरकज को लेकर जिस तरह से एक समुदाय विशेष को दोषी ठहराया गया, उससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ा। आपकी सरकार ने उस घटना को इस तरह से हैंडल किया जिससे लगा कि एकता की भावना को मजबूत करने की बजाय विभाजन की राजनीति को बढ़ावा दिया गया है। आपकी सरकार ने उस विभाजनकारी नैरेटिव का मुक़ाबला करने और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए क्या किया था?
5. AAP विधायक नरेश यादव की सजा
पवित्र क़ुरान शरीफ़ की बेहदबी मामले में AAP विधायक नरेश यादव को सजा मिलना गंभीर चिंता का विषय है। AAP ऐसे विभाजनकारी काम करने वालों को पार्टी में रखने को कैसे जस्टिफाई करती है? क्या पार्टी में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम उठाए गए हैं?