महाकुंभ के दौरान अचानक प्लेटफॉर्म नंबर बदलने की वजह से ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश में हो चुकी है, फिर भी कोई सबक नहीं लिया गया – संजय सिंह



नई दिल्ली – आम आदमी पार्टी ने शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए दर्दनाक हादसे के लिए केंद्र की भाजपा सरकार की बदइंतजामी और निष्क्रियता को जिम्मेदार बताया है। “आप” के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने कहा कि देश में बार-बार रेल घटनाएं हो रही हैं। आखिर और कितनी दुर्घटनाओं के बाद केंद्रीय रेल मंत्री और केंद्र सरकार की जवाबदेही तय होगी?  रेलवे प्रशासन की बदइंतज़ामी के कारण हुए इस हादसे में महाकुंभ जा रहे लोग शिकार हुए, लेकिन मृतकों की सही संख्या नहीं बताई जा रही है। स्टेशन पर हजारों की भीड़ थी, लेकिन उसे संभालने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। रेल मंत्री ने इस हादसे को मानने से ही इंकार कर दिया तो एलजी ने पहले लोगों की मौत की बात स्वीकारी और बाद में ट्वीट ही एडिट कर दिया। उन्होंने कहा कि हर हादसे को भाजपा सरकार दबाने की कोशिश करती है और जब लाशें सामने आ जाती हैं तो लीपापोती करने लगती है, लेकिन इससे सबक लेकर कोई सुधार नहीं करती है। रविवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता कर संजय सिंह कहा कि रेलवे प्रशासन की बदइंतजामी और निष्क्रियता के चलते शनिवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक बड़ा हादसा हुआ। इस हादसे में महाकुंभ स्नान करने जा रहे श्रद्धालुओं और लोग अपने अन्य कामों के लिए जा रहे थे। इस हादसे में मृतकों की सही संख्या अब तक सामने नहीं आई है, जहां कुछ लोग इसे 15 बता रहे हैं, वहीं कुछ 18 का आंकड़ा बता रहे हैं।प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि असल संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है। सरकार की निष्क्रियता और लापरवाही के चलते ऐसी घटनाएं बार-बार होती हैं, लेकिन सरकार सबसे पहले उन्हें दबाने का काम करती है। मृतकों और घायलों के प्रति कोई संवेदना नहीं दिखाई जाती, उल्टे रिपोर्टर्स के मोबाइल तोड़े जाते हैं ताकि वे घटना की सच्चाई को कैमरे में कैद न कर सकें। संजय सिंह ने कहा कि सरकार पहले घटना को नकारती है कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है, सब अफवाह और झूठ है। फिर जब मृतकों के शव सामने आ जाते हैं तो ये मना नहीं कर पाते और मजबूरी में उसे स्वीकारते हैं, फिर उस पर लीपापोती शुरू की जाती है। इस देश में यह सब कब तक चलेगा? और कितनी दुर्घटनाओं के बाद देश के रेल मंत्री और केंद्र सरकार की जवाबदेही तय होगी? पटरियों पर तीन-चार ट्रेनें आपस में टकरा जा रही हैं। सैकड़ों की संख्या में लोगों की मृत्यु हो गई। उस घटना को दबा दिया गया, भुला दिया गया। रोजाना ट्रेन दुर्घटनाएं हो रही हैं उन्हें भी दबा दिया गया। संजय सिंह ने कहा कि शनिवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से जो वीडियो आई वह बहुत हैरान करने वाला है। रेलवे प्लेटफॉर्म पर हजारों की संख्या में लोग दिख रहे हैं। पूरा प्लेटफॉर्म भरा हुआ है लेकिन उस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कहीं भी रेलवे प्रशासन नहीं दिख रहा है। अचानक भगदड़ हो गई। लोगों की जान चली गई लेकिन रेल मंत्री पूरी घटना से इनकार कर रहे हैं कि कुछ नहीं हुआ। दिल्ली के एलजी ने ट्वीट किया और 29 मिनट बाद उसे एडिट कर दिया। क्या सरकार को यह सब करना चाहिए? संजय सिंह ने आगे कहा कि एक ट्रेन 12 नंबर प्लेटफॉर्म पर आनी थी लेकिन अनाउंसमेंट हुई कि वह 16 नंबर प्लेटफॉर्म पर आएगी, लोग कह रहे हैं कि उसके कारण भी भगदड़ हुई। हालांकि जब और बातें सामने आएंगी तो इसकी असली वजह पता चलेगी। महाकुंभ के दौरान प्लेटफॉर्म नंबर अचानक बदलने की वजह से ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश के रेलवे स्टेशन पर हो चुकी है। तो क्या रेलवे प्रशासन को यह समझ नहीं थी कि इतनी संख्या में लोग इकट्ठा हैं और अगर ऐसे में वह ट्रेन का प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा करेंगे तो उससे भगदड़ की स्थिति पैदा होगी, जोकि हुआ भी। इतनी बड़ी घटना घटने के बाद अब सब उसे इनकार करने में लगे हुए हैं।उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा लगता है कि क्या मरना एक आम आदमी की नियति बन गई है? कभी नोटबंदी के बाद लाइनों में खड़े होकर मरना है, कभी कोरोना की महामारी में मरना है, कभी महाकुंभ में मरना है या कभी ट्रेन तो कभी सड़क दुर्घटना में मरना है। कभी रोजगार मांगने पर मरना है, कभी फसल का सही दाम मांगने पर मरना है, कभी फ्लाईओवर और पुल के टूटने पर मरना है। ऐसा लगता है जैसे मरना हमारी नियति बन गई है और सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। यह तो संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। संजय सिंह ने कहा कि इतनी बड़ी-बड़ी घटनाओं पर ऐसे बयान दिए जाते हैं कि सुनकर शर्म आएगी। महाकुंभ में इतने लोग मर गए और ये कह रहे हैं कि उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो गई। मोक्ष की प्राप्ति तो उनको दी जानी चाहिए जो उस बदइंतजामी के लिए जिम्मेदार हैं। उनको भी मोक्ष प्राप्त करने के लिए कहा जाए। लोगों के घाव पर नमक छिड़कने की सरकार की यह प्रवृत्ति कब तक चलती रहेगी? यह बड़ी-बड़ी घटनाओं पर लीपापोती करके अपने गुनाहों को दबाने की कोशिश कब तक चलेगी? जहां शव रखे गए हैं वहां पुलिस के जवानों को लगाया गया। मरे हुए लोगों को सुरक्षा करके और उनकी संख्या को छिपाकर सरकार यह दिखाना चाहती है कि उसे अपनी गलती से सीखना नहीं है, बल्कि लोगों के घाव पर नमक छिड़कना है।उन्होंने कहा कि जो लोग इस घटना में मारे गए हैं, मैं आम आदमी पार्टी की ओर से गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह उनके परिवारजनों को यह अपार कष्ट सहने की शक्ति दे। मृतकों की पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान दे। और इस सरकार को सद्बुद्धि दे कि वह ऐसी घटनाओं पर संवेदनशीलता दिखाए। ऐसी घटनाओं को दबाने या उस पर लीपापोती की अपनी प्रवृत्ति को छोड़े। भाजपा की सरकार के खिलाफ कुछ भी बोलने वाले को धर्म विरोधी और देश विरोधी बताना, विपक्ष को गाली देने, सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाने जैसी घटिया चीजें बंद करो। इससे कुछ फायदा नहीं होने वाला है। इसके बजाय भाजपा इन घटनाओं को रोकने का प्रयास करे। जो भी लोग इस घटना में मारे गए हैं, सरकार को उनके परिवारों को उचित मुआवजा देना चाहिए। देश के रेल मंत्री की जवाबदेही तय होनी चाहिए।

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