
लोकसभा में वक्फ बोर्ड अधिनियम संशोधन बिल पास होने से देश के मुसलमानों में उम्मीद की एक नई किरण सी जाग गई है विशेष रूप से उस मुस्लिम समाज में जो गरीब वा पिछड़ी जाति से आते हैं और अपने अधिकार से वंचित है। मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक कदम से न सिर्फ मुस्लिम समाज को फायदा पहुंचेगा बल्कि देश की विरासतें भी विकसित होंगी साथ ही वक्फ़ बोर्ड में कई वर्षों से फैला भ्रष्टाचार भी समाप्त होगा। जिस प्रकार से देखा गया है कि वक्फ बोर्ड अधिनियम संशोधन बिल मामले में विपक्ष के नेताओं ने मात्र अपने अपने वोट बैंक के लिए बहुत ही गंदी और ओछी राजनीति की है जो आने वाले समय के लिए भी बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकती हैं इस संदर्भ में केंद्र सरकार को इसी प्रकार से निरंतर कड़े फैसले लेने चाहिए जिससे कि राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार पूरी तरह से समाप्त हो सके और आम जनता को इसका लाभ मिल सके जिसके वो हकदार हैं। अगर बात करें वक्फ बोर्ड अधिनियम संशोधन बिल की तो जिस दिन फैसला आया उस दिन देश के अलग-अलग राज्यों में हजारों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने खुशियां मनाई और मिठाइयां बांट कर मोदी जी शुक्रिया के नारे भी लगाए ये लोग वास्तव में वक्फ बोर्ड अधिनियम संशोधन बिल पास होने से बेहद उत्साहित नजर आ रहे थे सबके चेहरों पर मुस्कान थी क्योंकि उन्हें इस बात का अहसास हो गया था कि इस बिल के पास हो जाने से निश्चित तौर पर उन्हें लाभ मिलेगा जिसके वह असली हकदार हैं क्योंकि वर्षो से वह लोग सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक का शिकार बनते आ रहे हैं लेकिन अब वह दिन दूर नहीं जब उनको अपना अधिकार मिलेगा वो देश की मुख्य धारा में अपना योगदान दे सकेंगे और सरकार से सीधे संवाद कर सकेंगे। वहीं अब आवश्यकता है भविष्य में इस प्रकार के कानूनों को सख्त बनाए जाने की जिससे की राजनीतिक षड्यंत्र रचने वाले लोगों का वर्चस्व पूरी तरह से समाप्त हो सके, जो लोग देश की गरीब जनता को सिर्फ अपने वोट बैंक के लिए इस्तेमाल करते हैं उनके मंसूबों का समाप्त हो जाना ही बेहतर है। बहराल जिस तरह वक्फ बोर्ड अधिनियम कानून सदन में पास हुआ है उससे तो यही प्रतीत होता है की जितनी बहस जितने आरोप और जितने पलटवार विपक्षी नेताओं द्वारा किए गए समय बर्बाद किया गया अगर इतना ध्यान, इतना समय विपक्ष अपने देश वा क्षेत्र के उद्धार में लगा दें तो आम लोगों का जीवन सफल हो जाए।