गुरुग्राम। निर्माणाधीन द्वारका एक्सप्रेस-वे में आई दरार की जांच तेज कर दी गई है। निर्माण कंपनी एलएंडटी के विशेषज्ञों की टीम जांच में जुटी है। इधर, इस साल 28 मार्च को दो स्लैब गिरने की जांच रिपोर्ट इसी सप्ताह आने की उम्मीद है। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट एनएचएआइ मुख्यालय को सौंप दी है। मुख्यालय के अधिकारी रिपोर्ट का अध्ययन कर रहे हैं।
कुछ दिन पहले द्वारका एक्सप्रेस-वे के पिलर संख्या 173 से 174 के बीच में दरार आ गई थी। मामला सामने आते ही एनएचएआइ ने निर्माण कंपनी एलएंडटी से जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश जारी कर दिया था। हालांकि कंपनी का यह भी तर्क है कि काम करने के दौरान इंटरनल ट्रायल चलता रहता है। ट्रायल इसलिए किया जाता है ताकि कहीं कोई कमी हो तो सामने आ जाए। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए एनएचएआइ के परियोजना निदेशक निर्माण जामभुलकर से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो सके। एनएचएआइ की पीआइयू (परियोजना कार्यान्वयन इकाई) गुरुग्राम को द्वारका पीआइयू में समायोजित कर दिया गया है। इस तरह दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस के ऊपर नजर अब दिल्ली के द्वारका से रखी जाएगी। पीआइयू गुरुग्राम का कार्यालय सिरहौल बार्डर पर था। इसके निदेशक की जिम्मेदारी शशिभूषण के पास थी। दो इकाइयों को एक साथ समायोजित करने के बाद अब द्वारका एक्सप्रेस-वे के साथ ही दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर भी नजर रखने की जिम्मेदारी परियोजना निदेशक (पीआइयू, द्वारका) एन. जामभुलकर के पास आ गई है। गुरुग्राम-सोहना हाईवे पर नजर रखने की जिम्मेदारी पीआइयू रेवाड़ी को दी गई है।