लोकतंत्र का भविष्य
इसी तरह सत्तासीन लोगों की उदासीनता और भ्रष्टाचार से परेशान जनमानस धीरे-धीरे इस बात के कायल हो जाते हैं कि शासन तो डंडे के जोर पर ही चलता है। यही कारण है कि हमें इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी जैसे तेज़-तर्रार शासक कहीं ज़्यादा पसंद आते हैं। इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि पिछले कुछ दशकों में धीरे-धीरे अल्पसंख्यकों को दी जाने वाली सुविधाओं का ढेर लग गया और चाहे-अनचाहे बहुसंख्यक वर्ग ने स्वयं को उपेक्षित महससू करना…