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मेरठ महोत्सव: एक सांस्कृतिक उत्सव और मेरठ के विकास के लिए नई दिशा।

कुंदरकी और कटेहरी में जीत सकते हैं तो कोई भी चुनाव जीता जा सकता है : सीएम योगी

हरिद्वार में रोकी गई यति नरसिंहानंद की धर्मसंसद: बोले-सुप्रीम कोर्ट के जजों से पूछूंगा हम ऐसे ही मरते रहेंगे; कोर्ट मुझे जेल भेज दे, मैं तैयार हूं

पूर्व प्राचार्य एवं प्रमुख शिक्षाविद डॉ. विनोद बनर्जी द्वारा रचित “अभ्युदय” ग्रन्थ का विमोचन 20 दिसंबर को

दिल्ली से उड़े चुनाव प्रचार के गैस गुब्बारे मेरठ में आ कर फटे ,चार झुलसे

डॉ प्रवीण तोगड़िया का शिकारपुर जहांगीराबाद चुंगी पर किया गया भव्य स्वागत।

प्रतिभाशाली होनहार छात्रों को सम्मानित किया गया

एनडीआरएफ महिला विंग ने दी आपात स्थिति से सुरक्षा की ट्रेनिंग।

सिंमरौली में सड़क क्रॉस कर रहे मोर की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत

लोकसाहित्य अनुसंधान संभावना एवं अपेक्षाएं
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लोकसाहित्य लोक संस्कृति एवं लोक रंग किसी भी देश-प्रदेश की धड़कनों के परिचायक होते हैं। लोक मानस सैकड़ों वर्षों के अनुभवों, आचार-व्यवहार की अंतरंग सम्पृक्ति, काल के निकष पर प्रतीति से निर्मित एवं संचालित होता है। लोक कथा हो, लोक गीत हों, लोक गाथाएं हों, कहावतें एवं लोकोक्तियां हों, या लोक रंग के अन्य क्रियाकलाप हों, धार्मिक विश्वास या आस्थाएं हों, सभी लोकसाहित्य की जीती-जागती धाराएं होती हैं। प्रसिद्ध लोक तत्त्व मनीषी जान ड्ंिकवाटर ने तो यह स्वीकार किया…

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रोशनी एक्ट की आड़ में हो रहे कई घोटालेबाजों का चेहरा हुआ बेनकाब
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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद नेशनल कांफ्रैंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और अन्य नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं और उन्होंने कश्मीरियों के अधिकारों के लिए लड़ने और अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए गुपकर संगठन बना लिया है। फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए चीन की मदद लेने की बात करते हैं तो महबूबा तिरंगे का अपमान करती हैं। अनुच्छेद 370 के चलते आज तक…

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मानवता व शिक्षा के प्रति समर्पित महान व्यक्तित्व के स्वामी थे डॉ. क्लब-ए-सादिक़
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प्रायः लगभग सभी धर्मों,जातियों व समुदायों में अनेकानेक ऐसे धर्म गुरुओं का वर्चस्व देखा जा सकता है जो अपने ही समुदाय विशेष के मध्य अपने प्रवचनों ,सामुदायिक व धार्मिक कार्यकलापों के द्वारा लोकप्रियता हासिल करते रहे हैं।आमतौर पर धर्म गुरुओं की लोकप्रियता का पैमाना इस बात पर भी निर्धारित होता है कि कोई धर्मगुरु अपने समाज के लोगों को ख़ुश करने या उन्हें ऐसा सन्देश देने में कितना सफल होता है जोकि समाज विशेष सुनना चाहता है। मिसाल के…

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सभ्य समाज के लिए नासूर के समान हैं नारी हिंसा और उत्पीड़न की घटनाएँ
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भारत ही नहीं, दुनियाभर की महिलाओं पर बढ़ती हिंसा, शोषण, असुरक्षा एवं उत्पीड़न की घटनाएं एक गंभीर समस्या है। संयुक्त राष्ट्र संघ महिलाओं पर की जा रही इस तरह हिंसा के उन्मूलन के लिए 25 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा एवं उन्मूलन दिवस के रूप में विश्वभर में मनाता जा रहा है। इस दिन महिलाओं के विरुद्ध हिंसा रोकने के और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता को रेखांकित करने वाले अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। महिलाओं के समूह…

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अक्षय ऊर्जा उत्पादन में क्रांतिकारी बदलाव की इबारत
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मोदी सरकार के छह वर्षीय कार्यकाल ने भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। भारत इस क्षेत्र का सबसे बड़ा और पसंदीदा देश बनकर निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र अहम आधार के रूप में भी स्थापित हो रहा है। 26 नवम्बर को भारत तीसरे ” वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेश बैठक और एक्सपो” (रीइन्वेस्ट 2020) का आयोजन करने जा रहा…

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विशेषः राष्ट्र जीवन की गति का मुख्य दिक्सूचक है संविधान
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भारत ने 26 जनवरी 1950 को पहला गणतंत्र दिवस मनाया। भारतीय संविधान सभा की आखिरी बैठक (26 नवम्बर 1949) में डॉ0 अम्बेडकर के प्रस्ताव पर मतदान हुआ और संविधान पारित हो गया। संविधान ही राष्ट्र का धारक और राष्ट्र राज्य व्यवस्था का धर्म बना। भारत ने संविधान को ही सर्वोत्तम सत्ता माना। भारत के प्रत्येक जन को वाक्स्वातंत्र्य और विधि के समक्ष समता सहित सभी मौलिक अधिकार मिले। इसके पहले 1947 तक भारत में ब्रिटिश सत्ता थी। भारत परतंत्र…

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लव जिहाद का दुश्चक्र भेदने में समर्थ है योगी सरकार का विधेयक?
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भारतीय साहित्‍य प्रेम आख्‍यानों से भरा पड़ा है। प्रेम होते समय यह नहीं देखता कि स्‍त्री-पुरुष के बीच कौन-सा पंथ, धर्म, सम्‍प्रदाय है, प्रेम तो बस हो जाता है। पुरातन से लेकर आधुनिक साहित्‍य का कोई भी पन्‍ना उठा लें, यही  कहता नजर आएगा कि प्रेम सिर्फ समर्पण का नाम है-”जब प्‍यार करे कोई तो देखे केवल मन।” वस्‍तुत: ऐसे में जब कोई योजनाबद्ध तरीके से धार्मिक उन्‍माद में प्रेम का नाटक कर भावनाओं से खेलता है, तब यही…

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बादलों के आर-पार अंतरिक्ष से ली जा सकेगी स्पष्ट तस्वीरें
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा पिछले दिनों भारत के नवीनतम पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ‘ईओएस-01’ (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) के सफलतापूर्वक लांच के साथ ही सफलता का एक और नया इतिहास रचा गया। इस महत्वपूर्ण उपग्रह प्रक्षेपण अभियान में इसरो द्वारा मुख्य सैटेलाइट के तौर पर भारत के ईओएस-01 के अलावा विदेशी ग्राहकों के नौ अन्य वाणिज्यिक उपग्रहों को भी भारत के पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल ‘पीएसएलवी-सी49’ के जरिये प्रक्षेपण के बाद सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया। विदेशी उपग्रहों…

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संविधान की गरिमा कायम रखनी होगी
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यहां ध्यान योग्य बात है कि कुल 299 सदस्यों में से 284 लोगों ने 26 नवंबर 1949 को यह संविधान अपने हस्ताक्षरों के साथ अपना लिया। हमारे संविधान के बारे में एक जानकारी यह भी है कि इसे पारित करते समय 145000 शब्दों का प्रयोग हुआ है। भारत के मूल संविधान को हिंदी और अंग्रेजी में प्रेम बिहारी नारायण राजयादा द्वारा इटैलिक स्टाइल में लिखा गया है जिसमें हर पृष्ठ को शांतिनिकेतन के कलाकारों, वेओहार राममनोहर सिन्हा और नंदलाल…

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लोकतंत्र का भविष्य
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इसी तरह सत्तासीन लोगों की उदासीनता और भ्रष्टाचार से परेशान जनमानस धीरे-धीरे इस बात के कायल हो जाते हैं कि शासन तो डंडे के जोर पर ही चलता है। यही कारण है कि हमें इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी जैसे तेज़-तर्रार शासक कहीं ज़्यादा पसंद आते हैं। इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि पिछले कुछ दशकों में धीरे-धीरे अल्पसंख्यकों को दी जाने वाली सुविधाओं का ढेर लग गया और चाहे-अनचाहे बहुसंख्यक वर्ग ने स्वयं को उपेक्षित महससू करना…

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