मुख्य समाचार

मेरठ महोत्सव: एक सांस्कृतिक उत्सव और मेरठ के विकास के लिए नई दिशा।

कुंदरकी और कटेहरी में जीत सकते हैं तो कोई भी चुनाव जीता जा सकता है : सीएम योगी

हरिद्वार में रोकी गई यति नरसिंहानंद की धर्मसंसद: बोले-सुप्रीम कोर्ट के जजों से पूछूंगा हम ऐसे ही मरते रहेंगे; कोर्ट मुझे जेल भेज दे, मैं तैयार हूं

पूर्व प्राचार्य एवं प्रमुख शिक्षाविद डॉ. विनोद बनर्जी द्वारा रचित “अभ्युदय” ग्रन्थ का विमोचन 20 दिसंबर को

दिल्ली से उड़े चुनाव प्रचार के गैस गुब्बारे मेरठ में आ कर फटे ,चार झुलसे

डॉ प्रवीण तोगड़िया का शिकारपुर जहांगीराबाद चुंगी पर किया गया भव्य स्वागत।

प्रतिभाशाली होनहार छात्रों को सम्मानित किया गया

एनडीआरएफ महिला विंग ने दी आपात स्थिति से सुरक्षा की ट्रेनिंग।

सिंमरौली में सड़क क्रॉस कर रहे मोर की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत

जासूसी कराये बिना कोई सरकार तो क्या परिवार भी नहीं चला सकता – डॉ. वेदप्रताप वैदिक
PU

संसद का यह वर्षाकालीन सत्र अत्यधिक महत्वपूर्ण होना था लेकिन वह प्रतिदिन निरर्थकता की ओर बढ़ता चला जा रहा है। कोरोना महामारी, बेरोजगारी, अफगान-संकट, भारत-चीन विवाद, जातीय जनगणना आदि कई मुद्दों पर सार्थक संसदीय बहस की उम्मीद थी लेकिन पेगासस जासूसी कांड इस सत्र को ही लील गया है। पिछले लगभग दो सप्ताह से दोनों सदनों का काम-काज ठप्प है। दोनों सदन अनवरत शोर-शराबे के बाद रोज ही स्थगित हो जाते हैं। संसद चलाने का एक दिन का खर्च…

Read More

Posted in लेख Comments Off on जासूसी कराये बिना कोई सरकार तो क्या परिवार भी नहीं चला सकता – डॉ. वेदप्रताप वैदिक
अन्य दल के नेताओं को अब अपना भविष्य भाजपा में सुरक्षित दिखता है
PU

-अशोक भाटिया- देश के लगभग सभी प्रदेशों में विरोधी दल के नेताओं को भाजपा के सत्ता के रथ की सवारी लगातार नजर आ रही हैं। कहीं चुनाव से पहले, कहीं चुनाव के मौके पर, कहीं चुनाव के बाद. भाजपा में दूसरी पार्टियों से शामिल होने की होड़ लगातार नेताओं में देखी जा सकती है। चाहे वह नेता अपनी पार्टी में कितना ही बड़ा क्यों ना हो. नेताओं को अब अपना भविष्य भाजपा में सुरक्षित दिखता है। दूसरा भाजपा या…

Read More

Posted in लेख Comments Off on अन्य दल के नेताओं को अब अपना भविष्य भाजपा में सुरक्षित दिखता है
चली है रस्म कि कोई न सर उठा के चले….
PU

-तनवीर जाफ़री- देश का अन्नदाता इन दिनों अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए शीत ऋतु में भी अपना घर-बार छोड़ कर सड़कों पर उतर आया है। केंद्र सरकार द्वारा पारित किये गए तीन कृषि अध्यादेशों को सही व किसान हितैषी ठहराते हुए बार बार एक ही बात दोहराई जा रही है कि यह नए क़ानून किसानों के हित में हैं और आंदोलनकारी किसानों को कांग्रेस पार्टी द्वारा भड़काया जा रहा है। पिछले दिनों कांग्रेस-भाजपा की इसी रस्साकशी का…

Read More

Posted in लेख Comments Off on चली है रस्म कि कोई न सर उठा के चले….
लव जिहाद के खिलाफ यूपी सरकार का कानून तो अच्छा है पर कुछ सवाल भी खड़े हुए हैं
PU

-डॉ. वेदप्रताप वैदिक- उत्तर प्रदेश सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश जारी कर दिया है। उस अध्यादेश में लव जिहाद शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है, यह अच्छी बात है, क्योंकि लव और जिहाद, ये दोनों शब्द परस्पर विरोधी हैं। जहां लव होगा, वहां जिहाद हो ही नहीं सकता। लव के आगे सारे जिहाद ठंडे पड़ जाते हैं। लव जिहाद का हिंदी रूप होगा- ‘प्रेमयुद्ध’। जहां प्रेम होगा, वहां युद्ध नहीं हो सकता और जहां युद्ध होगा,…

Read More

Posted in लेख Comments Off on लव जिहाद के खिलाफ यूपी सरकार का कानून तो अच्छा है पर कुछ सवाल भी खड़े हुए हैं
क्या है वह रोशनी एक्ट जिसके तहत करोड़ों के जमीन घोटाले को अंजाम दिया गया
PU

-ललित गर्ग- जम्मू-कश्मीर के आजादी के बाद के राजनीतिक जीवन एवं शासन-व्यवस्था में कितने ही भ्रष्टाचार, घोटाले, गैरकानूनी कृत्य एवं आर्थिक अपराध परिव्याप्त रहे हैं। अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद एवं वहां स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था को लागू करने की प्रक्रिया को अग्रसर करते हुए अब इनकी परतें उघड़ रही हैं। एक बड़ा घोटाला जम्मू-कश्मीर में रोशनी एक्ट की आड़ में 25 हजार करोड़ का सामने आया है। असल में नाम से यह एक विद्युत से जुड़ा घोटाला…

Read More

Posted in लेख Comments Off on क्या है वह रोशनी एक्ट जिसके तहत करोड़ों के जमीन घोटाले को अंजाम दिया गया
समय की मांग है, एकसाथ चुनाव
PU

-प्रमोद भार्गव- अनेक असमानताओं, विसंगतियों और विरोधाभासों के बावजूद भारत एक सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सूत्र से बंधा हुआ है। निर्वाचन प्रक्रिया राष्ट्र को एक ऐसी संवैधानिक व्यवस्था देती है, जिससे भिन्न स्वभाव वाली राजनीतिक शक्तियों को केंद्रीय व प्रांतीय सत्ताओं में भागीदारी का अवसर मिलता है। नतीजतन लोकतांत्रिक प्रक्रिया गतिशील रहती है, जो देश की अखंडता व संप्रभुता के प्रति जवाबदेह होती है। देश में मानव संसाधन सबसे बड़ी पूंजी है। गोया, यदि बार-बार चुनाव की स्थितियां बनती हैं…

Read More

Posted in लेख Comments Off on समय की मांग है, एकसाथ चुनाव
घड़ी परीक्षा की है पर हिम्मत न हारें
PU

-गिरीश्वर मिश्र- आज कोरोना महामारी ने ठण्ड और प्रदूषण के साथ मिलकर आम आदमी की जिन्दगी की मुश्किलों को बहुत बढ़ा दिया है। प्रियजन को खोना, नौकरी छूट जाना, गंभीर रोग, दुर्घटना, त्रासदी जैसे भयानक अनुभव से गुजरकर उठना और आगे बढ़ना कठिन चुनौती होती है पर वह असंभव नहीं है। इस दौरान ऐसी कई कहानियां भी सुनने-पढ़ने या देखने को मिल रही हैं, जिनमें लोग कठिन परिस्थितियों से उबरकर आगे बढ़ते हैं। ऐसी स्थिति में जब खुद को…

Read More

Posted in लेख Comments Off on घड़ी परीक्षा की है पर हिम्मत न हारें
किसानों का आंदोलन
PU

-सियाराम पांडेय ‘शांत’- पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान आंदोलित हैं। उन्हें केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन नए कृषि कानूनों उत्पाद, व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा कानून, सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता कानून पर आपत्ति है। उन्हें भय है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण की व्यवस्था समाप्त कर सकती है। किसान अपने उत्पाद राज्य के बाहर ले जाने लगेंगे तो कृषि मंडियां खत्म हो जाएंगी। बड़ी कंपनियां अगर अनुबंध पर…

Read More

Posted in लेख Comments Off on किसानों का आंदोलन
अवसाद के कारण और उसके समाधान
PU

-सीताराम शर्मा सिद्धार्थ- मित्रताएं भी स्वार्थपरायण हो रही हैं। आस-पड़ोस से बातचीत निजता में खलल की परिभाषा में हो गया है। पुस्तकें पढ़ने और सृजनात्मक कार्यों में आम लोगों की रुचि कम हुई है। कला और संस्कृति से बहुत कम लोग जुड़े हैं। सेवा, देखभाल, आत्मीयता सब घर-परिवारों से गायब सा दिख रहा है। ईर्ष्या और द्वेष संतोष और प्रसन्नता पर भारी पड़ रहे हैं। अकेलापन बढ़ रहा है। काफी लोग परिवार की खिचखिच की वजह से अलग व…

Read More

Posted in लेख Comments Off on अवसाद के कारण और उसके समाधान
फारूक की सांसदी निरस्त हो: फिरोज बख्त अहमद, स्वतंत्र लेखक
PU

-फिरोज बख्त अहमद- भारत में इन जघन्य आतंकी हमलों पर फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती या गुलाम नबी आजाद ने कभी टिप्पणी नहीं की। समस्या फारूक अब्दुल्ला एंड कम्पनी में यह रही कि ये गरीब और अनपढ़ कश्मीरियों के वोट लेकर मुटियाते रहे और बेचारी जनता अंधे कुएं में गिरती रही। यही नहीं, ये गद्दार राजनेता दरिद्र जनता को न केवल सत्ता हथियाने के लिए बतौर वोट बैंक इस्तेमाल करते रहे, बल्कि इनको भारत के विरुद्ध वरगलाते भी रहे। अब…

Read More

Posted in लेख Comments Off on फारूक की सांसदी निरस्त हो: फिरोज बख्त अहमद, स्वतंत्र लेखक