मुख्य समाचार

मेरठ महोत्सव: एक सांस्कृतिक उत्सव और मेरठ के विकास के लिए नई दिशा।

कुंदरकी और कटेहरी में जीत सकते हैं तो कोई भी चुनाव जीता जा सकता है : सीएम योगी

हरिद्वार में रोकी गई यति नरसिंहानंद की धर्मसंसद: बोले-सुप्रीम कोर्ट के जजों से पूछूंगा हम ऐसे ही मरते रहेंगे; कोर्ट मुझे जेल भेज दे, मैं तैयार हूं

पूर्व प्राचार्य एवं प्रमुख शिक्षाविद डॉ. विनोद बनर्जी द्वारा रचित “अभ्युदय” ग्रन्थ का विमोचन 20 दिसंबर को

दिल्ली से उड़े चुनाव प्रचार के गैस गुब्बारे मेरठ में आ कर फटे ,चार झुलसे

डॉ प्रवीण तोगड़िया का शिकारपुर जहांगीराबाद चुंगी पर किया गया भव्य स्वागत।

प्रतिभाशाली होनहार छात्रों को सम्मानित किया गया

एनडीआरएफ महिला विंग ने दी आपात स्थिति से सुरक्षा की ट्रेनिंग।

सिंमरौली में सड़क क्रॉस कर रहे मोर की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत

गोवर्धन पूजा 2024

गोवर्धन का पर्व आज मनाया जा रहा है. गोवर्धन पूजा में गौ धन यानी गायों की पूजा की जाती है और गायों को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है. इसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मुख्य रूप से भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों को भगवान इंद्र के गुस्से से बचाया…

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साहित्य – प्रेमचन्द और तकषी: उत्तर-दक्षिण की ध्रुवतारा – लंबोधरन पिल्लै. बी
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प्रेमचन्द शब्द भारतीय जन मानस में चिर प्रतिष्ठित है। उनमें एक मजबूत सैनिक की ताकत है, साहसी की आवाज भी। उन्होंने समाज में प्रचलित अन्यायों और अत्याचारों के विरुद्ध अपनी कलम से संघर्ष चलाया। उनकी तूलिका तलवार से भी ज्यादा पैनी और तेज थी। इसलिए उन्हें कलम के सिपाही कहते है। अंग्रेजों ने उनकी पहली रचना सोजे- वतन को जलाकर उनके जीवन को हिलाना चाहा। किन्तु वे न हिले न डुले, कलम को बंदूक बनाकर उनकी छाती की ओर…

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बालपन – रेत अलग चीनी अलग
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बादशाह अकबर के दरबार की कार्यवाही चल रही थी, तभी एक दरबारी हाथ में शीशे का एक मर्तबान(बर्तन) लिए वहां आया। क्या है इस मर्तबान में? बादशाह ने पूछा। वह बोला, इसमें रेत और चीनी है। वह किसलिए? अकबर ने फिर पूछा। माफी चाहता हूं हुजूर, हम बीरबल की काबिलियत को परखना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि वह रेत से चीनी का दाना-दाना अलग करके दिखाए दरबारी बोला। बादशाह अब बीरबल की तरफ देखकर बोले, देख लो बीरबल,…

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एक और मैरी कॉम
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ओलंपिक पदक का रंग 4 अगस्त को तय होगा, लेकिन भारत की एक और होनहार बेटी लवलीना बोरगोहेन ने एक और पदक पक्का कर दिया है। दुनिया के महान मुक्केबाज मुहम्मद अली की फैन लवलीना ने मुक्केबाजी में परचम लहरा कर अपने आदर्श को चरितार्थ किया है। उन्होंने चीनी ताइपे की चिन चेन को 4-1 से परास्त किया और सेमीफाइनल में पहुंचीं। 2012 के लंदन ओलंपिक्स में एम.सी.मैरी कॉम भी सेमीफाइनल तक पहुंची थीं, लेकिन अपने से लंबी खिलाडि़न…

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लोकतंत्र में अलोकतांत्रिक व्यवहार – राजगोपाल पीव्ही
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पूरी दुनिया में आजकल राजनेताओं के आचरण को देखकर बड़ी फिक्र होती है। समूचे राजनीतिक विस्तार पर नज़र डालें तो दिखेगा कि चाहे वे अमरीका के दक्षिणपंथी नेता हों या चीन या रूस के वामपंथी नेता, सभी में बढ़-चढ़कर तानाशाही प्रवृत्तियां नज़र आ रही हैं। वैश्विक परिदृश्य का जो कोई भी गौर से अवलोकन कर रहा होगा, उसे दिखेगा कि म्यांमार और बेलारूस जैसे छोटे देशों समेत कई देशों में राष्ट्रीय नेताओं की ऐसे नीयत ही बन गई है…

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सेना और प्रांतीय सीमाएं – कर्नल (रि.) मनीष धीमान
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सावन की बरसात से नदी नालों में इतना ज्यादा पानी भर गया है कि उनके किनारे बसने वाले गांवों में बाढ़ से हालात बनने लगे हैं। प्रदेश में किन्नौर, लाहौल-स्पीति तथा कुल्लू की पहाडि़यों से  बहने वाली जलधाराओं ने जान और माल दोनों का नुक़सान किया है। कोरोना की तीसरी लहर के आगमन से सहमे लोगों ने टीकाकरण को तो ज्यादा गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है, पर मास्क पहनने और भीड़ न लगाने में सावधानी बरतना कम…

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कोरोना से लड़ाई : आखिर किससे उम्मीद रखें कोरोना वॉरियर्स – पत्रलेखा चटर्जी
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कोरोना वायरस की महामारी से अब भी दुनिया भर के अनेक देश जूझ रहे हैं, ऐसे में अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं, ताकि अन्य लोगों का जीवन बचाया जा सके। उनके इस साहस और धैर्य को काफी सराहा भी गया है। लेकिन क्या सिर्फ उनकी सराहना करना ही काफी है? जन स्वास्थ्य अभियान द्वारा हाल ही में आयोजित एक वेबिनार ने इन नायक/नायिकों से जुड़े कठोर सत्य की ओर ध्यान…

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कोविड-19 की चुनौतियां : स्वास्थ्य पर प्रभावी निवेश जरूरी – जयंतीलाल भंडारी
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हाल ही में गैर सरकारी संगठन जनस्वास्थ्य अभियान ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका में कहा कि कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं का उपयुक्त प्रबंधन न होने के कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। छोटे स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज की पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। देश की 70 फीसदी स्वास्थ्य सुविधाएं निजी हाथों में है। निजी स्वास्थ्य केंद्र मरीजों का शोषण कर रहे हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र एवं सभी राज्यों को नोटिस जारी करके…

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बिजली गिरने की घटनाओं में इतनी बढ़ोतरी क्यों? – रंजना मिश्रा
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आसमान से बिजली गिरना प्राकृतिक आपदा है, यह आपदा आजकल राजस्थान से उत्तर प्रदेश तक कई राज्यों में बेहद खतरनाक मंजर पैदा कर रही है। देश में सबसे ज्यादा मौतें बिजली गिरने से हो रही हैं। अनुमान है कि देश में हर साल 2000 से 2500 लोग आसमानी बिजली गिरने से मर रहे हैं। साल दर साल ये घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। सवाल यह उठता है कि भारत में बिजली गिरने की घटनाओं में इतनी बढ़ोतरी क्यों…

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प्रतिकूल परिस्थिति में भी शिक्षा नीति पर प्रगति – डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
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राष्ट्रीय परिवेश के अनुरूप निर्मित शिक्षा नीति के एक वर्ष पूरे हुए। कोरोना संकट के कारण यह यात्रा बाधित हुई। शिक्षण संस्थाओं को महीनों तक बन्द करना पड़ा। इसके बाद भी भविष्य की आशा धूमिल नहीं हुई। अनेक स्तरों पर नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन संबन्धी प्रयास भी चलते रहे। प्रतिकूल परिस्थितियों में भी प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उल्लेख भी किया। कहा कि एक वर्ष में शिक्षाविदों ने शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में…

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