
● हीटवेव क्या है और कैसे पहचाने?
● लू से बचाव के जरूरी उपाय — क्या करें और क्या न करें
● गर्मी के बढ़ते प्रकोप से खुद को और अपनों को कैसे सुरक्षित रखें?
उत्तर प्रदेश। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, जब किसी क्षेत्र का तापमान लगातार तीन दिन तक सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस या अधिक रहता है, तो इसे हीटवेव (लू) कहा जाता है। अगर तापमान लगातार दो दिनों तक 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना रहे, तो यह स्थिति और भी गंभीर मानी जाती है।गर्मी जब 37 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाती है, तो हमारा शरीर इसे झेलने में मुश्किल महसूस करने लगता है, जिससे हीट स्ट्रोक या सन स्ट्रोक जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में सतर्क रहना जरूरी है।
हीटवेव से बचाव के लिए “क्या करें?”
दोपहर 12 से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें। हल्के रंग, ढीले और सूती कपड़े पहनें। सिर को कपड़े, टोपी या छतरी से ढककर रखें। पानी, नारियल पानी, लस्सी, छाछ, आम पन्ना जैसे पेय लेते रहें। घर को ठंडा रखने के लिए पर्दे, शटर का उपयोग करें। कमजोरी, चक्कर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। स्थानीय मौसम अपडेट पर नजर रखें।
हीटवेव से बचाव के लिए “क्या न करें?”
दोपहर में भारी श्रम न करें। बासी, भारी और उच्च प्रोटीन वाले भोजन से बचें। शराब, चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स से परहेज करें — ये शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं। दोपहर के समय खाना पकाने से बचें, रसोई को हवादार रखें।प्यास न लगे तब भी पर्याप्त पानी पीते रहें। पशुओं को भी गर्मी से बचाने का विशेष ध्यान रखें। गर्मी का प्रकोप हर साल बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सही जानकारी और सतर्कता से हीटवेव से बचा जा सकता है। खुद के साथ-साथ अपने परिवार और आसपास के लोगों को भी इस बारे में जागरूक करें — सावधानी ही सुरक्षा है!