नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शुक्रवार को इस साल के 12वीं कक्षा के नतीजे घोषित किये, जिसमें पहली बार सर्वाधिक 99.37 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए। इस बार भी लड़कियों ने 0.54 प्रतिशत के मामूली अंतर से लड़कों को पछाड़ दिया। पिछले साल के 88.78 प्रतिशत के मुकाबले इस बार उत्तीर्ण होने के प्रतिशत में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। पिछले साल लड़कियों और लड़कों के उत्तीर्ण प्रतिशत में लगभग 6 प्रतिशत का अंतर था।
कोविड-19 की दूसरी लहर को देखते हुए परीक्षा रद्द होने के बाद बोर्ड ने वैकल्पिक मूल्यांकन नीति के आधार पर परिणामों की घोषणा की है। बोर्ड द्वारा गठित 13 सदस्यीय समिति के फैसले के मुताबिक 30 फीसदी अंक दसवीं बोर्ड परीक्षा के आधार पर, अगले 30 फीसदी अंक 11वीं कक्षा के और 40 फीसदी अंक 12वीं कक्षा के यूनिट, छ:माही परीक्षा और प्री-बोर्ड परीक्षाओं के आधार पर दिए गए हैं।
सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा, ‘अंक नीति को सफलतापूर्वक और निश्चित समय सीमा में लागू करने के लिए, शिक्षकों द्वारा किए जाने वाले कार्यों को महत्वपूर्ण माना गया था। इसलिए, स्कूलों की सुविधा के लिए और परिणामों के संकलन में उनकी सहायता करने व किसी भी त्रुटि से बचने के लिए सीबीएसई की आईटी टीम द्वारा एक व्यापक और सुविधा संपन्न प्रणाली विकसित की गई थी।’
भारद्वाज ने कहा कि लगभग एक लाख छात्र सीबीएसई के अलावा अन्य बोर्ड से थे।
उन्होंने कहा, ‘स्कूलों से अनुरोध किया गया था कि वे अपने रोल नंबर, छात्रों के नाम और बोर्ड के नाम को सत्यापित करें ताकि उनके आंकड़े संबंधित बोर्डों से लिये जा सकें।
इस बार 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या पिछले वर्ष के 38,686 के मुकाबले इस वर्ष बढ़कर 70,004 हो गई है। हालांकि, 90-95 प्रतिशत के बीच अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या 1,57,934 से घटकर 1,50,152 रह गई है।
इस बार 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले दिव्यांग छात्रों की संख्या 129 है जबकि इस श्रेणी के 400 छात्रों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। विदेशों में सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में 99.92 फीसदी छात्र 12वीं पास हुए हैं।
केंद्रीय विद्यालयों और केन्द्रीय तिब्बती स्कूल प्रशासन के तहत आने वाले स्कूलों के परिणाम शत-प्रतिशत रहे। पिछले साल केन्द्रीय विद्यालयों के 98.62 प्रतिशत और केन्द्रीय तिब्बती स्कूल प्रशासन के तहत आने वाले स्कूलों के 98.23 प्रतिशत छात्र पास हुए थे।
जवाहर नवोदय विद्यालयों में इस साल, पिछले साल के 98.70 के मुकाबले 99.94 प्रतिशत छात्र पास हुए। सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों का उत्तीर्ण प्रतिशत क्रमशः 4.78 प्रतिशत और 7.92 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले साल के मुकाबले निजी स्कूलों के उत्तीर्ण प्रतिशत में 11 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है।
पिछले साल 87,650 छात्रों के मुकाबले इस साल केवल 6,149 छात्र पूरक श्रेणी में हैं। भारद्वाज ने कहा, ‘पूरक परीक्षा 16 अगस्त से 15 सितंबर के बीच आयोजित की जाएगी। सटीक तारीखों की घोषणा कुछ समय बाद की जाएगी।’