मानसून सत्र के पहले दो सप्ताह विपक्ष के हंगामे में बहे

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नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के पहले दो सप्ताह पेगासस- जासूसी कांड, किसान आंदोलन और महंगाई को लेकर किये गये विपक्षी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामपंथी समेत कई अन्य दलों के हंगामें में बह गये। हालांकि सरकार लोकसभा और राज्यसभा में इस दौरान शाेरगुल के बीच ही काेविड पर चर्चा कराने, कुछ जरुरी विधेयक पारित कराने और मंत्रियों के वक्तव्य पटल पर रखवाने में कामयाब रही है।

संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई को शुरु हुआ था और विपक्ष पहले दिन से पेगासस – जासूसी कांड की जांच कराने की मांग, किसान आंदोलन के समर्थन और महंगाई के विरोध में हंगामा कर रहा है। इससे दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है। सत्र के दूसरे सप्ताह के अंतिम दिन आज भी दोनों सदनों में पेगासस जासूसी, महंगाई तथा कृषि कानून समेत अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों का हंगामा जारी रहा। जिससे दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। दोनों सदनों में निजी सदस्यों का कामकाज नहीं हुआ।

हालांकि लोकसभा में पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आस पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयाेग विधेयक 2021 और सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक 2021 पेश कराये और सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी। हंगामें के बीच ही राज्यसभा के उप सभपति हरिवंश ने सीमित दायित्व भागीदारी (संशोधन) विधेयक 2021 और निपेक्ष बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक 2021 पेश करायें। इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नारियल विकास बोर्ड (संशोधन) विधेयक 2021 चर्चा के लिए पेश किया और बिना चर्चा के ही सदन ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके बाद उप सभापति ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।

पिछले सप्ताह में दोनों सदनों में अंतर्देशीय पोत विधेयक, 2021, भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2021, फेक्टर विनियमन विधेयक 2021, इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) विधेयक 2021, किशोर न्याय (संरक्षण एवं देखभाल)विधेयक 2021, नौचालन सामुद्रिक सहायता विधेयक2021, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान विधेयक 2021 पारित किये गये हैं। इससे पहले इसी सप्ताह लोकसभा में विपक्षी दलों ने हंगामा करते हुए लोकसभा अध्यक्ष के आसन के ओर कागज फाड़कर फेंके गये। इससे पहले राज्यसभा में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से कागज छीनने पर तृणमूल कांग्रेस के शांतनु सेन को पूरे सत्र के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया। इसी सप्ताह तृणमूल कांग्रेस की शांता छेत्री सदन में विरोध करते हुए मूर्छित हो गयी।

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