उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का भारतीय कॉर्पोरेट्स से आग्रह, विशेष शैक्षणिक संस्थानों के निर्माण में करे निवेश

 

मेरठ। शिक्षा के क्षेत्र में 75 वर्ष पूरे करने के अवसर पर हिंदुजा समूह ने अपने प्रमुख संस्थान हिंदुजा कॉलेज ऑफ कॉमर्स के ज़रिए भारत के भविष्य को आकार देने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। हिंदुजा कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स की शुरूआत शरणार्थियों के बच्चों के लिए बनाए गए एक साधारण प्राथमिक विद्यालय के रूप में हुई थी। आज 6000 से अधिक छात्र यहां पढ़ते हैं और हिंदुजा कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स अब एक डीम्ड विश्वविद्यालय बनने की ओर अग्रसर है। इस पड़ाव को हासिल करने के बारे में हिंदुजा फाउंडेशन के अध्यक्ष अशोक हिंदुजा ने कहा, इस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनके साथ कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छात्रों को उनकी उत्कृष्ट शैक्षणिक और पाठ्येतर उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि “संस्थान एक कौशल विकास केंद्र स्थापित करने के लिए तैयार है, जो उद्योग और शिक्षा के बीच की दूरी को पाटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा, साथ ही डीम्ड विश्वविद्यालय में बदलने और छात्र क्षमता को कई गुना बढ़ाने की दीर्घकालिक योजनाएं भी हैं। कॉलेज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस और वेल्थ मैनेजमेंट में नए कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रहा है, साथ ही जलवायु वित्त और निर्यात-आयात प्रबंधन में विशेष पाठ्यक्रम भी शुरू करेगा।” हिंदुजा कॉलेज के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह में छात्रों और गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, सनातन को देश की संस्कृति और शिक्षा का हिस्सा होना चाहिए, क्योंकि यह समावेशिता का प्रतीक है और इसमें अच्छी तरह से निहित रहने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कॉर्पोरेट इंडिया से विशेष संस्थान बनाने के लिए शिक्षा में निवेश करने का भी आग्रह किया। परोपकारी प्रयासों को कमॉडिफिकेशन और व्यावसायीकरण फिलॉसोफी से प्रेरित नहीं होना चाहिए। हमारी स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा प्रणाली इनसे ग्रस्त हैं। उन्होंने शिक्षा को सबसे प्रभावशाली परिवर्तनकारी तंत्र भी कहा जो समानता लाता है।” उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि हिंदुजा कॉलेज केवल एक डीम्ड विश्वविद्यालय बनने तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक प्रतिष्ठा का संस्थान बनेगा।

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