“अमित शाह के निर्देश पर बाबा साहब की तस्वीर हटाई गई, दलितों का वोट लेना चाहते हैं लेकिन बाबा साहब से नफरत करते हैं- कुलदीप कुमार”




नई दिल्ली – विधानसभा के अंदर  ‘जय भीम’ के नारे लगाने पर आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों को तीन दिन के लिए सदन से निष्कासित करने को लेकर पार्टी ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है। “आप” के वरिष्ठ नेता व विधायक संजीव झा ने कहा कि बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के अपमान के खिलाफ आवाज उठाने पर भाजपा ने आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों को तीन दिन के लिए सदन से बाहर करा दिया। भाजपा के राज में  ‘जय भीम’ बोलना गुनाह हो गया है। भाजपा ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों के कार्यालय से डॉ. आंबेडकर की तस्वीर हटाकर उनकी जगह पीएम मोदी की फोटो लगा दी है। इससे बाबा साहब के देशभर के अनुयायी आहट हैं। देश का जनतंत्र बाबा साहब के संविधान से चलता है, बाबा साहब से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन भाजपा प्रधानमंत्री मोदी को बाबा साहब से बड़ा मानती है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक संजीव झा और कुलदीप कुमार ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय पर संयुक्त प्रेस वार्ता की। संजीव झा ने कहा कि दिल्ली विधानसभा सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री कक्ष से बाबा साहब डॉ. अंबेडकर की तस्वीर हटाकर वहां प्रधानमंत्री मोदी की फोटो लगाई गई। यह देखकर सभी को पीड़ा हुई। हमारी नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने इस बात को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के सामने अपनी चिंता जाहिर की। लेकिन लगातार अपनी पीड़ा व्यक्त करने के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर कोई निर्देश नहीं दिया। इससे न केवल हम विधायक साथी बल्कि देश भर में जो लोग भी बाबा साहब से प्यार और उनका सम्मान करते हैं, वो सब आहत हुए। अगले दिन एलजी साहब ने अभिभाषण दिया, जहां हमने स्पीकर से दोबारा मांग की कि बाबा साहब का जो चित्र हटाया गया था उसे दोबारा उसी जगह लगा दिया जाए।संजीव झा ने कहा कि जिस तरह भाजपा की नई सरकार ने बाबा साहब की तस्वीर हटाकर उसकी जगह मोदी जी की तस्वीर लगा दी, उससे सवाल उठता है कि क्या भाजपा प्रधानमंत्री मोदी को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर से भी बड़ा मानती है? हमने यही सवाल स्पीकर से पूछा, लेकिन उनका कोई निर्देश न आना इस बात को दर्शाता है कि भाजपा की सरकार और उसके नेता मानते हैं कि अब नरेंद्र मोदी बाबा साहब से बड़े हो गए हैं। संजीव झा ने बताया कि हम लगातार स्पीकर के सामने अपनी बात रख रहे थे और उनके निर्देश का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उन्होंने इस पर कोई निर्देश देने के बजाय हम सबको मार्शल से विधानसभा से बाहर निकलवा दिया। आज चाहें विधानसभा हो, स्पीकर हों, एलजी का अभिभाषण हो या देश में लोकतंत्र की यह व्यवस्था हो, सब बाबा साहब और उनके संविधान पर चलता है। इसलिए देश में बाबा साहब और संविधान से बड़ा कोई नहीं है। हम बाबा साहब का यह अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारे विधायकों को न केवल एक दिन के लिए सदन से निकाला गया, बल्कि रिजॉल्यूशन लाकर सत्ता पक्ष ने हमें तीन दिन के लिए सदन में हिस्सा लेने से वंचित किया। संजीव झा ने कहा कि हमारा अपराध केवल इतना था कि हम बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और शहीद-ए-आजम भगत सिंह की फोटो हटाकर उनकी जगह प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाए जाने पर सवाल उठा रहे थे। इसका मतलब है कि ये लोग बाबा साहब से नफरत करते हैं। यह कोई पहली बार नहीं है। इससे पहले देश के गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा था कि जितना बार ये लोग अंबेडकर-अंबेडकर करते हैं उतनी बार अगर भगवान का नाम ले लें तो इनको मुक्ति मिल जाए। हमें तो मुक्ति संविधान और बाबा साहब की व्यवस्था से मिलेगी। बाबा साहब के प्रति भाजपा की यह नफरत दिल्ली विधानसभा में दिखी। संजीव झा ने कहा कि भाजपा मानती है कि नरेंद्र मोदी बाबा साहब से बड़े हो गए हैं और अगर नहीं मानते तो बाबा साहब की फोटो उसी जगह लगा दी जाए, जहां पहले उनकी फोटो लगी थी। नहीं तो हम अपना विरोध लगातार जारी रखेंगे, जब तक भाजपा अपने कुकृत्य से बाज नहीं आ जाती। वहीं, विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि बुधवार को हमें दिल्ली विधानसभा से तीन दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। हमारा गुनाह केवल इतना था कि हमने उस सदन के अंदर जो बाबा साहब अंबेडकर के संविधान से चलता है, वहां जय भीम के नारे लगाए थे, जबकि भाजपा नेताओं ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। हमने जय भीम के नारे लगाए इसलिए हमें स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा सदन से बाहर कर दिया। वहीं, भाजपा के लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए तो स्पीकर साहब ने उनकी सराहना करते हुए उन्हें बैठा दिया। कुलदीप कुमार ने कहा कि अगर बाबा साहब डॉ. अंबेडकर का नारा लगाने की वजह से हमें बाहर निकाला जाएगा तो हम पीछे हटने वाले लोग नहीं हैं। हम लगातार जय भीम का उद्घोष करते रहेंगे। अगर इनमें हिम्मत है तो हमें रोक कर दिखा दे। दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की सरकार आई तो उसके पास दिल्ली सरकार के काम आगे बढ़ाने और दिल्लीवालों के लिए काम करने का मौका था। लेकिन इन्होंने सरकार में आने के साथ ही सबसे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर और भगत सिंह की फोटो हटाने का काम किया। कुलदीप कुमार ने आगे कहा कि इससे संदेश साफ है कि अमित शाह ने संसद में जो बात कही थी भाजपा सरकार ने उसे साबित कर दिया। इन्होंने केवल मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं बल्कि उसी दिन दिल्ली के सभी मंत्रियों के कार्यालय से भी एक साथ बाबा साहब अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर हटवा दी। वरना किसी मंत्री की इतनी हिम्मत नहीं है कि वह खुद अपने ऑफिस से बाबा साहब की तस्वीर को हटा दे। वह देश के गृह मंत्री अमित शाह का आदेश था कि बाबा साहब और शहीद-ए-आजम भगत सिंह की तस्वीर हटाकर उसकी जगह नरेंद्र मोदी की फोटो लगाई जाए। कुलदीप कुमार ने कहा कि इन लोगों ने यह साबित कर दिया कि यह लोग पिछड़े और दलित लोगों का वोट तो लेना चाहते हैं लेकिन यह बाबा साहब अंबेडकर से नफरत करते हैं। आजादी के इतने वर्षों बाद भी इन्हें बाबा साहब और उनके संविधान से नफरत है। देश की संसद में रिनोवेशन के नाम पर बाबा साहब की प्रतिमा को उसकी जगह से हटाकर पीछे लगाने वाली भी यही मोदी सरकार है। इन्होंने यह केवल एक शुरुआत की है। अगर आज हमारे बहुजन समाज के लोगों ने आवाज नहीं उठाई तो यह मोदी सरकार और भाजपा के लोग जिनकी विचारधारा बाबा साहब के विरोधी है, ये हर जगह से बाबा साहब की प्रतिमाओं और तस्वीरों को हटाने का काम करेंगे, जैसे इन्होंने संसद और दिल्ली विधानसभा से हटाया। हम सबको मिलकर इसके खिलाफ आवाज उठानी होगी। कुलदीप कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी विपक्ष में है। जब तक भाजपा बाबा साहब की तस्वीर को उनकी पुरानी जगह पर नहीं लगाती, हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे।भाजपा इस वहम में न रहे कि नरेंद्र मोदी बाबा साहब से बड़े हैं। नरेंद्र मोदी और अमित शाह बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के पैर की धूल के बराबर भी नहीं हैं। बाबा साहब ने इस देश को ऐसा संविधान दिया जो आपस में भाईचारे और समानता की बात करता है। दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी देश को बांटने, आपस में लड़ाने और नफरत की बात करते हैं। हम सब मिलकर इसके खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे। कुलदीप कुमार ने कहा कि इन्होंने तीन दिन के लिए हमें सदन से निलंबित किया है। ये लोग हमें सदन से निलंबित कर सकते हैं लेकिन हमारी आवाज को नहीं दबा सकते हैं। हम आवाज उठाएंगे। जब तक बाबा साहब की तस्वीर वापस नहीं लग जाती हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे। भाजपा को सद्बुद्धि मिले और वह बाबा साहब का सम्मान करना सीखे। वह बाबा साहब का अपमान करने की बजाय उनकी तस्वीर को वहां वापस लगाने का काम करे।

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