मदरसा जामिया उमुल क़ुरा के वार्षिक उत्सव में 13 हाफ़िज़ों की हुई दस्तारबंदी





नई दिल्ली। आराम पार्क स्थित मदरसा जामिया उमुल क़ुरा में वार्षिक दस्तारबंदी कार्यक्रम का शानदार आयोजन किया गया। जलसे कीअध्यक्षता हाफ़िज़ सलीम अहमद ने की, जबकि मुख्य अतिथि के तौर पर हज़रत मौलाना अब्दुल हन्नान साहब मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में क्षेत्र की कई जानी-मानी हस्तियों ने भी शिरकत की और मदरसे के छात्रों की हौसला अफ़ज़ाई की। कार्यक्रम की शुरुआत क़ारी अबुल लैस द्वारा तिलावत-ए-क़ुरआन से हुई, जिसके बाद मदरसे के उस्ताद क़ारी उमैर साहब ने नात-ए-पाक पेश की। मंच संचालन की ज़िम्मेदारी मुफ़्ती कलीमुल्लाह साहब ने बख़ूबी निभाई। जलसे के दौरान मुफ़्ती सालिम, सर्वोकॉन सिस्टम के सी एम डी हाजी कमरुद्दीन सिद्दीक़ी, फेस ग्रुप के चेयरमैन डॉक्टर मुश्ताक़ अंसारी, हाजी दिलशाद अहमद, हाजी यूसुफ़ और मुस्तफ़ा अहमद जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों ने भी विशेष रूप से शिरकत की। इस जलसे के दौरान मौलाना अब्दुल हन्नान साहब ने क़ुरआन-ए-मजीद को सीखने और पढ़ने की अहमियत पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि क़ुरआन करीम इंसान को बेहतर ज़िंदगी जीने का सलीक़ा सिखाता है और इसमें हर मसले का हल मौजूद है। उन्होंने यह भी बताया कि क़ुरआन सिर्फ़ इबादत का ज़रिया नहीं, बल्कि ज़िंदगी के हर पहलू को समझने और अमल करने की संपूर्ण रहनुमाई भी करता है। कार्यक्रम में उन 13 छात्रों की दस्तारबंदी की गई जिन्होंने इस वर्ष क़ुरान मजीद का हिफ़्ज़ मुक़म्मल किया है तथा अंत में मौलाना अब्दुल हन्नान साहब ने दुआ कराई, जिसमें पूरे देश, समाज की बेहतरी और मदरसे के उज्जवल भविष्य के लिए दुआएं मांगी गईं।

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