दिल्ली के लोगों को साफ पानी पिलाने और जनतंत्र को बचाने के लिए भाजपा के निर्देश पर चुनाव आयोग मुझे जो भी सजा देगा, स्वीकार है- केजरीवाल




नई दिल्ली – आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को चुनाव आयोग के दूसरी नोटिस का जवाब दे दिया। चुनाव आयोग ने हरियाणा से दिल्ली में भेजे जा रहे हाई आमेनिया युक्त पानी को लेकर दिए बयान पर उनसे जवाब मांगा था। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को बधाई देते हुए कहा कि हम सबका संघर्ष रंग लाया। दिल्ली में जो ज़हरीला पानी भेजा जा रहा था, वो अब बंद हो गया। दिल्ली में आने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा 7 पीपीएम से घटकर 2 पीपीएम हो गई है। अगर हम आवाज़ नहीं उठाते और संघर्ष नहीं करते, तो आज दिल्ली की आधी आबादी को पानी नहीं मिल रहा होता। हमने दिल्ली को बहुत बड़े पानी के संकट से बचा लिया। चुनाव आयोग ने मुझे नोटिस देकर सज़ा देने की धमकी दी है। मैंने चुनाव आयोग को अपना जवाब दे दिया है। अमोनिया की मात्रा कम होने से सभी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट चलने लगे हैं- केजरीवाल आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली के लोगों को बधाई देता हूं कि आज आम आदमी पार्टी, हमारी सरकार और दिल्ली के ढाई करोड़ लोगों का संघर्ष सफल हुआ और सकारात्मक नतीजा लाया। 26-27 जनवरी तक हरियाणा की सरकार दिल्ली में जो हरियाणा पानी भेज रही थी, आज वह 7.2 पीपीएम अमोनिया से 2.1 पीपीएम पर आ गया है। 2.1 अमोनिया के साथ हमारे अधिकतर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट ठीक चल सकते हैं और लोगों को ठीक-ठाक पानी मिल सकता है। हम सब के संघर्ष की वजह से पानी में अमोनिया का स्तर नीचे आया। इससे साफ जाहिर होता है कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने दिल्ली में त्राहि-त्राहि मचाने के लिए अमोनिया वाला पानी भेजा था। अगर उनका इस पर कंट्रोल नहीं होता तो पानी में अमोनिया का पीपीएम अचानक बढ़ कैसे गया और शोर करने पर यह अचानक घट कैसे गया? हमने बातचीत के जरिए पानी के मुद्दे का समाधान निकालने की काफी कोशिश की- अरविंद केजरीवाल ने बताया कि चुनाव आयोग ने मुझे एक नोटिस भेजा था। मैंने उसका जवाब दे दिया। फिर चुनाव आयोग ने मुझे दूसरा नोटिस भेजा। चुनाव आयोग के दूसरे नोटिस में जो भाषा लिखी है, उससे ऐसा लगता है कि वह पहले से ही तय कर चुके हैं कि क्या सजा सुनानी है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा बहुत संगीन है। मैं मोटे-मोटे तौर पर दिल्ली और देश के लोगों को बताना चाहता हूं कि आखिर यह पूरा मामला क्या है? लगभग दिसंबर के महीने से दिल्ली की सीएम आतिशी ने यह देखा कि दिल्ली में यमुना के जरिए जो पानी आ रहा है उसमें अमोनिया बढ़ने लगा है। हम पानी के ऊपर राजनीति नहीं करना चाहते। इसलिए दिसंबर से जनवरी तक दिल्ली सरकार और यहां तक की पंजाब के मुख्यमंत्री ने बहुत कोशिश की कि बातचीत के जरिए समाधान निकले। दिल्ली में आ रहे यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा लगातार बढ़ती गई और हमारे डब्ल्यूटीपी बंद होने लगे- अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिसंबर के आखिरी हफ्ते में दिल्ली की सीएम आतिशी ने हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी को फोन किया और बताया कि दिल्ली में आ रहे यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा बहुत अधिक है। इसलिए या तो आप पानी में अमोनिया की मात्रा कम करिए या ज्यादा पानी दे दीजिए, जिससे हम अमोनिया को डायल्यूट कर सकें। नायब सिंह सैनी ने आश्वासन दिया कि मैं करूंगा, लेकिन उन्होंने कुछ किया नहीं। उन्होंने लगातार दो-तीन बार फोन पर यही बात दोहराई, लेकिन चौथी बार से सीएम का फोन उठाना बंद कर दिया। आतिशी ने पंजाब के सीएम भगवंत मान से मदद मांगी। इसके बाद भगवंत मान ने हरियाणा के सीएम को फोन किया और कहा कि वो दिल्ली में कृपया साफ पानी भेजें। भगवंत मान ने हरियाणा के सीएम को कई बार फोन किया, लेकिन उन्होंने हर बार केवल आश्वासन दिया, उसका कोई नतीजा नहीं निकला। पानी में अमोनिया की मात्रा लगातार बढ़ती रही और दिल्ली में एक-एक करके वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद होने शुरू हो गए। दिल्ली और पंजाब के अफसरों ने हरियाणा के अफसरों से बात की तो बताया कि यह निर्णय हरियाणा के सीएम के स्तर पर लिया गया है- अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस दौरान दिल्ली के मुख्य सचिव ने हरियाणा के मुख्य सचिव को कई बार फोन किया और उनसे कहा कि वह इस बारे में कुछ करें। या तो अत्यधिक पानी छोड़िए या फिर अमोनिया की मात्रा कम कीजिए। लेकिन हरियाणा के मुख्य सचिव ने जो जवाब दिया वह बहुत चौंकाने वाला था। हरियाणा के मुख्य सचिव ने कहा कि यह निर्णय टॉप पॉलिटिकल लेवल पर लिया गया है। आप दिल्ली की सीएम को कहिए कि वो हरियाणा के सीएम से बात करें। तब हमें पहली बार लगा कि दिल्ली में चुनाव को प्रभावित करने के लिए यह राजनीतिक साजिश चल रही है। फिर पंजाब के सिंचाई विभाग के सचिव ने हरियाणा के सिंचाई विभाग सचिव से बात की, लेकिन उसने भी यही बात दोहराई कि यह निर्णय हरियाणा के सीएम लेवल पर लिया गया है। इसका मतलब यह राजनीतिक साजिश थी ताकि दिल्ली के अंदर जहरीला पानी भेजकर दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद करके आधी दिल्ली को प्यासा मार दिया जाए जब अमोनिया की मात्रा 7 पीपीएम पहुंच गई तब दिल्ली सीएम ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि दिल्ली में जहरीला पानी भेजा जा रहा है- अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 15 जनवरी के बाद से जो हुआ, वह बहुत चौंकाने वाला था। इसके बावजूद पंजाब और दिल्ली के सीएम ने इस मामले पर सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं बोला, शोर नहीं मचाया। हम चाहते थे कि मुद्दा बातचीत से सुलझे। लेकिन 15 जनवरी को पानी में अमोनिया का स्तर 3.2 पीपीएम पहुंच गया। उसके बाद इसका स्तर धीरे-धीरे और बढ़ना शुरू हुआ और 26 जनवरी को यह 7 पीपीएम तक पहुंच गया। तब हमें लगने लगा कि भाजपा वाले हरियाणा के सीएम के जरिए यह बहुत खतरनाक खेल खेल रहे हैं। 27 जनवरी को जब कोई चारा नहीं बचा तो सीएम आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पूरे देश को बताया कि किस तरह दिल्ली के अंदर जहरीला पानी भेजा जा रहा है। इसके जरिए दिल्ली में या तो बहुत बड़ी स्वास्थ्य संकट की स्थिति पैदा की जाएगी जो कि जानलेवा भी हो सकता है या हमारे वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद करने की कोशिश की गई। उनका मकसद यह था कि दिल्ली में अप्राकृतिक रूप से पानी की कमी की जाएगी और आम आदमी पार्टी के ऊपर इसका ठीकरा फोड़ा जाएगा कि इनकी सरकार पानी भी नहीं दे पा रही है। भाजपा का मकसद दिल्ली में अप्राकृतिक रूप से पानी की कमी कर आम आदमी पार्टी पर ठीकरा फोड़ना था कि सरकार पानी नहीं दे पा रही है- अरविंद केजरीवाल ने कहा हमने 27 जनवरी को इस बारे में शोर किया और आज पानी में अमोनिया की मात्रा 2.1 पीपीएम हो गई। इसका मतलब सब कुछ इनके हाथ में ही था। ये कर सकते थे। ये लोग जानबूझकर पानी में अमोनिया बढ़ा रहे थे। जानबूझकर अब अमोनिया कम हो गया और दिल्ली के लोगों को पानी मिल गया। अगर हम यह शोर नहीं करते तो दिल्ली के एक करोड़ लोगों को अब तक पानी मिलना बंद हो गया होता।

Please follow and like us:
Pin Share