
हापुड – श्री मंशा देवी मदिर के वार्षिकोसव के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में आचार्य राजीव कृष्ण भारद्वाज नें कहा कि जब प्रगति पर कष्ट आता है तो वह ईश्वर को याद करता है ओर जब सुख आता है तो वह ईश्वर को भूल जाता है। इसलियें प्रयेक क्षण हमें भगवान का स्मरण करतें रहनें सें दु:खों सें बचना चाहियें। श्रीमद भागवत के प्रवचन में आचार्य राजीव कृष्ण भारद्वाज नें कहा कि समुद्र मंथन के दौरान देवताओं एवं राक्षस दोनों नें एक ही लक्ष्य के लियें एक समय में एक जैसा प्रयत्न किया कितु फल में बहुत अंतर आ गया। देवताओं को अमृत मिला और दैयों को सुरा। लक्ष्य दोनों का एक ही था लेकिन ईश्वर पर विश्वास देवताओं को था। जबकि दोनों अपनें पुरूषार्थ सें अमृत पाना चाहा रहें थें। इसलियें मनुष्य को प्रयेक क्षा ईश्वर को याद करतें रहना चाहियें। जिससें प्राणी अपनें दु:खों सें छुटकारा पा सकता है। कथा सें पूर्व महाराज जी का स्वागत प्रधान शिवकुमार मित्तल, महेश तोमर, बिजेन्द्र कंसल आदि सें फूल माला पहनाकर किया। इस मौके पर सैकडों की संया में श्रद्धालुजन प्रमुख रूप सें उपस्थित रहें।
