इनके साथ काम कर रहे लोग भी जानते हैं, केजरीवाल से जीत नहीं सकते- मनीष सिसोदिया



नई दिल्ली – आम आदमी पार्टी ने गाली-गलौंज पार्टी में पैसे से वोट खरीदने के मामले में बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। शुक्रवार को ‘‘आप’’ ने कहा कि वोट खरीदने के लिए गाली-गलौंज पार्टी के नेताओं को अलाकमान से हर वोटर के लिए 10 हजार रुपए मिले थे, लेकिन नेता जनता में सिर्फ एक हजार रुपए ही बांट रहे हैं। इस मुद्दे पर ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया, सांसद संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज ने भी तीखा हमला बोला। अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर कहा कि आज संजय सिंह ने बेहद विस्फोटक खुलासा किया है। दिल्ली के लोग पिछले कुछ दिनों से देख रहे हैं कि गाली- गलौज पार्टी के कुछ नेता दिल्ली में खुलेआम लोगों को प्रति व्यक्ति 1100 या 1000 रुपए दे रहे हैं। संजय सिंह ने इस वीडियो में बताया है कि दरअसल इन नेताओं के पास पार्टी से बांटने के लिए प्रति व्यक्ति 10 हजार रुपए आए थे। पर इन नेताओं ने केवल 1100 रुपए ही दिए, बाक़ी रख लिए। क्या ये सच है? अरविंद केजरीवाल ने पूछा है कि इनकी पार्टी बताए कि नेताओं को कितने रुपए दिए गए थे और ये नेता भी बताएं कि उन्होंने कितने बांटे और कितने रख लिए? उन्होंने दिल्ली की जनता से अपील की है कि किसी हालत में अपना वोट ना बेचें। आपका वोट बेशक़ीमती और अनमोल है। उन्होंने एक और पोस्ट कर कहा कि गाली-गलौज पार्टी दिल्ली का चुनाव बुरी तरह से हार रही है, इसलिए वो अब पैसे से वोट ख़रीदकर चुनाव लड़ना चाहती है। मीडिया के साथियों ने बताया कि इनकी पार्टी वाले सभी मीडिया वालों को धमका रहे हैं कि संजय सिंह की ये प्रेस कांफ्रेंस दिखाई ना जाए। मेरा सभी लोगों से अनुरोध है कि इस वीडियो को सोशल मीडिया में हर जगह खूब फैला दो और सबको उस पार्टी की सचाई बता दो। गाली-गलौज पार्टी ने दिल्ली के चुनाव में फर्जीवाड़ा की सारी हदें पार कर दी हैं- मनीष सिसोदिया उधर, ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने एक्स पर कहा कि गाली-गलौज पार्टी ने दिल्ली के चुनाव में फर्जीवाड़ा की सारी हदें पार कर दी हैं। गाली-गलौज पार्टी के शीर्ष नेताओं ने 10 हजार रुपए बांटने के लिए भेजे, लेकिन पैसे कमाने के लिए इनके नेताओं ने 9,000 डकार लिए और सिर्फ 1,100 बांट दिए। गाली-गलौज पार्टी के नेताओं के साथ काम कर रहे लोग भी जानते हैं कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से भाजपा जीत तो सकती नहीं, तो क्यों न दिल्ली वालों के 9,000 रुपए ही मार लिए जाएं। दिल्लीवालों, अगर ये तुम्हारे पास वोट मांगने आए, तो पूछना कि बाकी 9,000 रुपए कहां हैं? गाली-गलौंज पार्टी ने नेताओं को वोट खरीदने के लिए प्रति वोटर 10 हजार रुपए दिए थे, लेकिन सिर्फ 1100 रुपए ही बांटे- संजय सिंह वहीं, ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि हाल ही में गाली-गलौंज के कुछ नेताओं ने दिल्ली में वोट खरीदने के लिए 1100-1100 रुपए बांटे थे। इस बात की चर्चा मीडिया और पूरी दिल्ली में हुई। खुलेआम नोट देकर वोट खरीदने की कोशिश की गई। उसके बाद हमने जांच की कि इसके पीछे की क्या सच्चाई है? सूत्रों से हमें जो जानकारी मिली है, वह और भी ज्यादा गंभीर है। दरअसल, गाली-गलौंज पार्टी ने नेताओं को 10-10 हजार रुपए बांटने के लिए दिए गए थे कि 10-10 हजार रुपए बांटकर वोट खरीदो। इनके नेताओं ने सोचा कि चुनाव तो हारना ही है, अरविंद केजरीवाल से जीतने की कोई संभावना ही नहीं है तो बेहतर है कि चुनाव में पैसे ही कमा लिए जाएं। इन्होंने एक नया तरीका अपनाया कि 9 हजार अपनी जेब में रख लिए और मतदाताओं में 1100 रुपए बांट दिए। मैं गाली-गलौंज से पूछना चाहता हूं कि इस बात की सच्चाई को देश और दिल्ली की जनता के सामने उजागर करें। भाजपा नेताओं ने चुनाव को भ्रष्टाचार के जरिए वोट खरीदने का जरिया बना लिया है- संजय सिंह संजय सिंह ने कहा कि मैं इन नेताओं से पूछना चाहता हू्ं कि अगर गाली-गलौज ने बांटने के लिए 10-10 हजार रुपए भेजे थे तो इन्होंने पूरे पैसे क्यों नहीं बांटे? जनता के 9-9 हजार रुपए क्यों मार लिए? मैं दिल्ली की जनता से कहना चाहता हूं कि अगर ये आपके पास वोट मांगने के लिए आएं तो इनसे कहना कि जो तु्म्हारे नेताओं ने 10 हजार रुपए भेजे थे, उसके बाकी के 9 हजार रुपए कहां है? अब दिल्ली की जनता को इनके भ्रष्टाचार और घोटाले को उजागर करना है। आज गाली-गलौज पार्टी ने पूरे चुनाव को भ्रष्ट बनाने और इनके नेताओं ने पूरे चुनाव को भ्रष्टाचार के जरिए वोट खरीदने का एक जरिया बना लिया है। चुनाव आचार संहिता लगने के बावजूद दिल्ली के अंदर खुलेआम भ्रष्ट आचरण जारी है- सौरभ भारद्वाज इस दौरान आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वोट खरीदने के लिए पैसे देना भ्रष्ट आचरण की परिभाषा में सीधे तौर पर आता है। यह भ्रष्टाचार है। चुनाव आचार संहिता लगने के बावजूद दिल्ली के अंदर खुलेआम भ्रष्टाचार जारी है। लेकिन उससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि भ्रष्टाचार के अंदर भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

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