
तरूण की दावेदारी ने सर्दी में पैदा की राजनैतिक गरमाहट…
यूं तो इन दिनों भाजपा में संगठन के गठन की प्रक्रिया जोर-शोर से चल रही है। मंडल स्तर तक की चुनाव प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। प्रत्येक से मंडल तीन—तीन नाम मांगे गये है। जिन्हे सूची बनाकर प्रभारियों ने शीर्ष नेतृत्व को भेज दिया गया है। मंडल अध्यक्षों की घोषणा आजकल में करने संभावनाओं नजर आ रही है। वही संजीव शर्मा के विधायक बनने से गाजियाबाद महानगर अध्यक्ष पद पर भी पार्टी के दर्जनों नेताओं ने अपनी—अपनी दावेदारी ठोकनी शुरू कर दी है। जिसे जनवरी 2025 में पूरा करने की अटकले लगाई जा रही है।
गाजिबाद महानगर अध्यक्ष पद पर भले दर्जनों नेताओं ने अपनी दावेदारी ठोक दी हो मगर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कुछ वरिष्ठ नेताओं पर ही विचार कर रहा है। सूत्रों की माने तो महानगर अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल नेता अपने अपने तरीके से शीर्ष पर बैठै नेताओं से से मजबूत पैरवी करने में लगे हुए हैं। पार्टी के नेताओं के लिए राजनैतिक दृष्टि से भी गाजियाबाद महत्वपूर्ण है। जिसको लेकर केंद्र व प्रदेश में बैठे शीर्ष नेतृत्व महानगर अध्यक्ष पद के लिए ऐसे कार्यकर्ता को जिम्मेदारी देगें,जिससे गाजिबाद के कार्यकर्ताओं में गुटबाजी ना होने पाये एवं संगठन को मजबूती से चला सके।
वही सूत्रों की माने तो विधायक सांसद गुट के अलावा मंत्री जी ने भी गुट बनाकर अपने—अपने चहेतो का पैनल सजा रखा है। अपने—अपने पैनल में एससी,ओबीसी,वैश्य,त्यागी को प्राथमिकता दे रखी है। विधायक,सांसद,मंत्री ने अपने पैलन में किसी ब्राहम्ण कार्यकर्ता को कोई जगह नही दे रखी है। जो विपक्ष के नेताओं के लिए वरदान साबित होगी और भाजपा नेताओं की राजनीति का भविष्य तय करेगी। जानकारों की मानों तो 10 जनवरी तक महानगर अध्यक्ष पद की विधिवत घोषणा होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। वही आजकल भाजपा की 35 वर्षो से राजनीति कर कई अहम पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके सुशासन प्रकोष्ठ के संयोजक पार्टी के वर्रिष्ठ नेताओं में शुमार तरूण शर्मा ने भी अपनी दावेदारी ठोक गाजिबाद महानगर को होर्डिंग से पाट दिया है। कड़ाके की इस सर्दी के मौसम में पार्टी में राजनैतिक गर्माहट जरूर ला दी है।
ब्राह्मण समाज से आने वाले तरुण शर्मा की दावेदारी ने भाजपा के एकाएक कार्यकर्ताओं —नेताओं को जोर का झटका धीरे से दे दिया है। हमेशा खामोशी शालिनता से भाजपा की राजनीति करने वाले,तरुण शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर पूरे गाजियाबाद के प्रमुख स्थानों शुभकामनाओं होर्डिंग्स से पाट करा अपनी मजबूत दावेदारी की तरफ इशारा कर दिया है। शुभकामनाओं की होर्डिंग से दावेदारी की चर्चाओं का राजनैतिक बाजार गर्म है। क्योंकि तरुण शर्मा पार्टी के साथ—साथ राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की कार्यप्रणाली से भली भंती परिचित हैं। ब्राह्मण समाज से आने वाले तरुण शर्मा अपनी इस दावेदारी में कितना सफल हो पाते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा। मगर उनकी दावेदारी ने भाजपा की राजनीति में उथल-पुथल पैदा कर दी है।
