हिंदू पंचांग के अनुसार, 10 महाविद्या में से एक माता कमला देवी जयंती कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है, इस बार कमला जयंती के अवसर पर माँ बगलामुखी धाम मेरठ में माता लक्ष्मी की मूर्ति की स्थापना की गई। इस उपलक्ष्य में 30 अक्टूबर से 2 नवंबर शनिवार तक मंदिर परिसर में चार दिवसीय भव्य आयोजन के दौरान हवन, अनुष्ठान और मंत्रोच्चार का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस आयोजन की प्रमुख विशेषता 2 नवंबर शनिवार को होने वाला हवन और भंडारा रहा, जिसमें हजारो भक्तों के लिए विशेष प्रसाद का प्रबंध किया गया। इस महोत्सव का आयोजन मंदिर के आचार्य, आचार्य प्रदीप गोस्वामी जी द्वारा किया गया है। उनके द्वारा अपने विद्वतापूर्ण मार्गदर्शन में माता लक्ष्मी की महिमा और आशीर्वाद की प्राप्ति हेतु अनुष्ठानों का संचालन किया गया।आचार्य प्रदीप गोस्वामी जी ने बताया कि मान्यता है कि इस दिन देवी कमला ने धरती पर अवतार लिया था। माता कमला देवी को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है, इसलिए कमला जयंती पर मां कमला की विशेष पूजा-अर्चना होती है, इसलिए इस अवसर पर मंदिर परिसर में लक्ष्मी जी की स्थापना की गई है जिनकी पूजा अर्चना से धन, समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
आचार्य प्रदीप गोस्वामी जी बताते हैं कि मां कमला देवी भाग्य, सम्मान और सौभाग्य की देवी हैं। मां कमला देवी को श्रीहरि भगवान विष्णु की शक्ति और मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। आदिशक्ति के दस अवतारों में दसवां अवतार मां कमला देवी का है। कमला जयंती को तांत्रिक पूजा का भी महत्व बताया गया है। कहते हैं कि इस दिन मां कमला देवी की विशेष उपासना से धन, कौशल, ऐश्वर्य और विद्या का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मंदिर परिसर में माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापना के अवसर पर
हवन व भंडारे में आचार्य प्रदीप गोस्वामी, श्रीमती आशा गोस्वामी, कामेश शर्मा, बबलू भगत जी, नरेश कुमार, अनिल कुमार चौहान, गोपाल भया जी, विपुल सिंघल, अमित सेतिया, हिमांशु वर्मा आदि मौजूद रहे।
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