
मंत्री जी बोले जांच में दोषी पाये जाने पर होगी कड़ी कार्यवाही
योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंसी को अधिकारी दिखा रहे ठेंगा
जिले में पिछले एक सप्ताह से डीएफओ कार्यालय में अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच शह और मात का खेल चल रहा है। जहां डीएफओ के बाबू की दबंगई व भ्रष्टाचार के कारनामें अब मंत्री जी के दरबार में पहुंच गये है। जिसको लेकर मंत्री जी ने नाराजगी जताते हुए जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की बात कही है। जिसके बाद विभाग के अधिकारियों में हड़कम्प मचा हुआ है। एक सप्ताह से चल रहे मामले को लेकर मेरठ में बैठे ही उच्चधिकारियों की कार्य शैली पर भी सवाल खड़े हो रहे है।
आपको बता दे कि पिछले एक सप्ताह से चल रहे जिले के वन विभाग में डीएफओ की शह पर बाबू खालिद ने सोमवार की रात्रि को डीएफओ कार्यालय में कुछ सरकारी फाईलों को थैले में भर रहे थे। जहां वन दरोगा संजीव कुमार को बाबू खालिद से यह पूछना मंहगा पड़ गया कि आप रात्रि साढे आठ बजे सरकारी फाईलों के साथ क्या छेड़छाड कर रहे हो। जिसके बाद बाबू आग बबूला हो गया और दोनों में जमकर मारपीट हो गई। बाबू ने डीएफओ संजय मल को बुला लिया। डीएफओ सजय मल मौके पर पहुकर बाबू का पक्ष लेते हुए वन दरोगा की बात अनसुनी कर दी। जिसके बाद डीएफओ साहब बाबू खालिद को लेकर नगर कोतवाली पहुंचकर वन दरोगा संजीव कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दे डाली। जिसके बाद वन दरोगा संजीव कुमार ने सभी अन्य अधिकारियों को उक्त घटना की सूचना दी। जिसके बाद डीएफओ के रवैये से नाराज वन दरोगा ने भी बाबू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तहरीर दे दी। वही मेरठ चीफ कार्यलय में स्थानांतण हो चुके बाबू खालिद के स्थान पर डीएफओ ने नीलम सिंह को चार्ज देने के आदेश कर दिए। जिसके बाद भी दबंग बाबू ने डीएफओ कार्यालय का चार्ज नही छोड़ा। सवाल खड़ा होता है कि डीएफओ कार्यालय में बाबू कौन सा कार्य किस मकसद से करने के लिए आते है। और डीएफओ क्यो खामोश रहते है। वही सूत्रों की माने तो तत्कालीन सपा सरकार में डीएफओ का सिक्का जमकर चला था और जो बाबू खालिद पिछले 12 वर्षो से जिला डीएफओ कार्यलय में तैनात है बताया जा रहा है कि वह भी सपा सरकार में कद्दावर मंत्री से नजदीकियां के चलते आज तक उन्हे कोई नही हटा पाया। वही उक्त प्रकरण अब वन मंत्री अरूण सक्सैना के दराबार में पहुंचने के बाद मंत्री जी ने कहा कि उक्त मामले की जांच कराई जायेगी और दोषी पाये जाने पर सम्बंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी। सवाल यह उठता है कि वही मेरठ रेंज में बैठे उच्चधिकारी सब कुछ जानकार भी क्यों अंजान बने बैठे है या वह भी किसी खेल में शामिल है। जब उक्त मामले को लेकर चीफ एन के जानू के मोबाईल पर बात करने की कई बार कोशिश की गई तो उन्होने फोन रिसीव नही किया।