हार्पिक ने हार्पिक मिशन स्वच्छता और पानी के साथ सभी के लिए सफाई पर किया ध्यान केंद्रित

हार्पिक ने अपनी प्रमुख पहल मिशन स्वच्छता और पानी के तहत सप्ताह की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय शौचालय दिवस पर 8 घंटे तक चलने वाली टेलीथॉन के साथ की, जो सभी के लिए स्वच्छ शौचालयों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता और साफ और स्वच्छ शौचालय के लिए व्यवहार में बदलाव लाने की जरूरत को उजागर करता है। हार्पिक के सबसे बड़े दीर्घकालिक अभियान का तीन सालों तक सफल आयोजन करने के बाद, यह पहल हार्पिक मिशन स्वच्छता और पानी मिलकर लें ये जिम्मेदारी के साथ इसे और बड़ा और अधिक समावेशी बनाकर हेल्थ, हाईजीन और सैनीटेशन के क्षेत्र में पुनरुत्थान की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

रवि भटनागर डायरेक्टर एक्सटर्नल अफेयर्स और पार्टनरशिप रेकिट साउथ एशिया ने कहा अपनी स्थापना के बाद से, हार्पिक और न्यूज18 का मिशन स्वच्छता और पानी भारत में समावेशी स्वच्छता और साफ-सफाई के लिए पानी के महत्व पर काम कर रहा है। जमीनी स्तर पर बदलाव लाने के लिए हमें अपने भागीदारों से बहुत ताकत मिलती है। हमारे विभिन्न हस्तक्षेपों के माध्यम से, हमारा लक्ष्य 2 करोड़ से ज्यादा भारतीयों तक सूचना और उपकरणों के साथ पहुंचने का है, जो व्यवहार में बदलाव लाने में मदद कर सकते हैं और एक स्वस्थ भारत के लिए नागरिकों की समग्र स्वास्थ्य में उचित साफ-सफाई के महत्व पर जागरूकता पैदा कर सकते हैं। हमें पूरा यकीन है कि आने वाले समय में, सबसे कठोर इलाकों में भी व्यवहार में बदलाव आएगा। इस पहल के माध्यम से आज हम अंतरराष्ट्रीय शौचालय दिवस 2022 की मुख्य थीम जो अदृश्य है उसे सबके सामने लाया जाए, को आगे बढ़ा रहे हैं। बेहतर स्वच्छता के लिए भारत में व्यवहारिक बदलाव लाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण अभियान को चलाने के लिए अभियान के एम्बेस्डर अक्षय कुमार ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को एक पांच-सूत्रीय कार्यक्रम सौंपा। इनमे  शामिल हैं स्वच्छ शौचालयों तक पहुंच, साफ-सुथरे शौचालय के लिए सामूहिक जिम्मेदारी, साफ-सफाई के काम में लगे सभी लोगों के लिए गरिमा और सम्मान, अच्छे स्वास्थ्य के लिए सफाई को मान्यता देना और कोई भी पीछे न छूटे। अक्षय ने इस मिशन में बच्चों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। अक्षय कुमार ने कहा, देश भर के स्कूलों में शौचालय शिष्टाचार की पढ़ाई अनिवार्य होनी चाहिए। छात्रों को सफाई, स्वच्छता और पानी बचाने जैसे विषयों के बारे में भी सिखाया जाना चाहिए।