नोएडा के ट्विन टावर के गिरने से हापुड़ का प्रदूषण को भी प्रभावित हुआ। आपको बता दे कि आज दोपहर को 2:30 बजे नोएडा के बहुमंज़िला इमारत को 3700 किलो बारूद से गिरा दिया गया। टावर गिरने से पहले हापुड़ का AQI इंडेक्स 100 था लेकिन हापुड़ का AQI इंडेक्स अब 138 पहुँच चुका है। लोगो से अपील की है कि मास्क लगाकर ही बाहर जाए और अपने घरों के खिड़की दरवाजे बंद रखे। क्या है पूरा मामला: सुपरटेक को सेक्टर 93ए में 23 दिसंबर 2004 को एमरॉल्ड कोर्ट के नाम पर भूखंड आवंटित हुआ, जिसमें 14 टावर का नक्शा पास हुआ। इसके बाद योजना में तीन बार संशोधन हुआ और दो नए टावर की मंजूरी दे दी गई। ये दोनों टावर ग्रीन पार्क, चिल्ड्रन पार्क और दो मंजिला कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स की जमीन पर बनाए गए। फ्लैट खरीदारों ने इसके खिलाफ पहली बार मार्च 2010 में आवाज उठाई और लड़ाई इलाहाबाद हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची। दोनों ही अदालतों से टावर को गिराने का आदेश दिया गया। सुपरटेक ने करीब 15 साल पहले एमरॉल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट की शुरुआत की थी। इसमें 3,4 और 5 बीएचके के फ्लैट हैं। यह सोसायटी नोएडा और ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के नजदीक है। मौजूदा समय में एक फ्लैट की कीमत 1 से 3 करोड़ रुपए तक है। शुरुआत में बिल्डर ने नोएडा अथॉरिटी के सामने जो प्लान दिया था उसके मुताबिक 9 मंजिला 14 टावर बनाए जाने थे। इसके बाद इसमें तीन बार संशोधन किया गया। 2012 में सुपरटेक ने 14 की जगह 15 टावर बनाने का फैसला किया और 9 से बढ़ाकर 14 मंजिल करने का प्लान बनाया। 40 मंजिला दो टावर बनाने का भी प्लान बनाया गया। क्या हुआ नतीजा: ग्रीन एरिया का था वादा, बनाया ट्विन टावर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में बिल्डर को दोषी पाया और फ्लैट खरीदारों के हक में फैसला दिया। ट्विन टावर के निर्माण में नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों का उल्लंघन किया गया। सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट में जब लोगों ने फ्लैट खरीदा तो ट्विन टावर के स्थान पर ग्रीन एरिया का वादा किया गया था। सुविधाओं को देखते हुए खरीदारों ने एमरॉल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट में फ्लैट बुक कराए। लेकिन बाद में बिल्डर ने नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से साठगांठ करके यहां ट्विन टावर खड़े कर दिए। नियमों के तहत टावर के बीच की दूरी 16 मीटर होनी चाहिए, लेकिन यहां पर सिर्फ 9 मीटर छोड़ी गई। यहां ट्विन टावर का निर्माण शुरू होने पर खरीदारों को धोखे का अहसास हुआ और उन्होंने कोर्ट का रुख किया। नोएडा में सुपरटेक के दो ट्विन टावर जमींदोज कर दिए गए हैं। 29 और 32 मंजिला इमारतें पलक झपकते ही मिट्टी में मिल गईं। बटन दबाते ही 9 सेकंड के अंदर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फाइनल तामील हो गई। दिल्ली की प्रतिष्ठित कुतुब मीनार (73 मीटर) से ऊंची लगभग 100 मीटर ऊंची संरचनाओं को आधुनिक समय की इंजीनियरिंग के लुभावने तमाशे में 'वाटरफॉल इम्प्लोजन' तकनीक द्वारा ताश के पत्तों के घर की तरह सेकंड में जमीन पर लाया गया।
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