भ्रष्टाचार में फंसे इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह राणा से मुकदमे के बाद दहशत में इमरान

मेरठ में भ्रष्टाचार में फंसे इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह राणा की घेराबंदी के लिए पुलिस ने जांच तेज कर दी। विवेचक सीओ क्राइम और उनकी टीम इंस्पेक्टर के खिलाफ सबूत जुटाने में लगी है। गोपनीय तरीके से उसकी संपत्ति की जांच भी शुरू कर दी है।

भ्रष्टाचार में फंसे जिस इंस्पेक्टर की घेराबंदी में मेरठ पुलिस लगी है, उसी को बचाने के लिए हापुड़ पुलिस दांवपेच खेल रही है। ए.एस.पी हापुड़ के कार्यालय में इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह राणा को बचाने के लिए दो सितंबर को पटकथा लिखी गई।

ट्रक मालिक इमरान का रिश्तेदार वहां पर बुलाया। मालिक ने एसएसपी मेरठ से लेकर मुख्यमंत्री व केंद्रीय गृह से इसकी शिकायत की है। मामला डीजीपी मुख्यालय तक पहुंच गया है।

इमरान के बयान पर टिकी इंस्पेक्टर की जांच
इंस्पेक्टर पर दर्ज हुए भ्रष्टाचार के मुकदमे की नींव ट्रक मालिक इमरान के बयान पर टिकी है। कांस्टेबल मनमोहन सिंह व मुकदमे के वादी वकार ने इंस्पेक्टर के खिलाफ बयान दिए। बयान में कहा कि बिजेंद्र सिंह ने ट्रक मालिक को चार लाख रुपये लेकर छोड़ा था। इमरान का कहना है कि वह डर की वजह से मेरठ नहीं आना चाहता है। पुलिस का दावा है कि इमरान जो भी सुबूत इंस्पेक्टर के खिलाफ देगा, वही मुकदमे को मजबूत करेगा।

इंस्पेक्टर ने डाली जमानत अर्जी 
भ्रष्टाचार में नामजद इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह राणा ने एंटी करप्शन कोर्ट में जमानत अर्जी डाल दी। इंस्पेक्टर की घेराबंदी के लिए पुलिस सुबूत तलाशने में लगी है। हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह को जेल भेजने के बाद विवेचक सीओ क्राइम संजीव दीक्षित पुलिस वालों के बयान ले रहे हैं। सोमवार को मुकदमे की वादी वकार, इमरान और तीनों सिपाहियों के बयान दर्ज हुए। 

मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को लिखी चिट्ठी
ट्रक मालिक इमरान ने पुलिस के आला अधिकारियों के साथ साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी चिट्ठी लिखी है। इसमें मेरठ और हापुड़ पुलिस के कारनामों का जिक्र किया है। इस चिट्ठी में इमरान ने खुद को बेगुनाह बताया। उसने कहा कि चार फरवरी को जली कोठी के पास से ट्रक चोरी हुआ था। इसका मुकदमा भी सदर थाने में लिखा गया है। पुलिस की जांच में ट्रक चोरी की पुष्टि हुई। पुलिस की लगाई एफआर भी कोर्ट में स्वीकृत हो गई। 

इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह राणा

भ्रष्टाचार के मुकदमे के बाद दहशत में इमरान
ट्रक मालिक इमरान ने बताया कि इंस्पेक्टर और हेड कांस्टेबल के खिलाफ सदर बाजार थाने में भ्रष्टाचार के मुकदमे के बाद वह डर गए। इंस्पेक्टर ने एनकाउंटर की धमकी देकर चार लाख रुपये लिए थे। थाने में उन्हें तीन दिन पीटा, हवालात में बंद रखा गया।

इंस्पेक्टर की नौकरी फंसी है तो वह कुछ भी कर सकते हैं। इसके चलते पूरा परिवार दहशत में हैं और घर से भी नहीं निकल पा रहे। इमरान का कहना कि रिश्तेदार को हापुड़ पुलिस ने बुलाया और धमकी देते हुए शपथ पत्र भी इंस्पेक्टर के पक्ष में ले लिए। शपथ पत्र में लिखवाया कि पैसा वापस हो गया है, लेकिन हमें एक रुपया वापस नहीं मिला है। 

क्या कहते है ए.एस.पी हापुड़

एसपी हापुड़ सर्वेश कुमार मिश्रा का कहना है कि उनका इस प्रकरण से कोई लेना देना नही है। और उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है। इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाय।