
विश्व हिन्दू परिषद का स्थापना दिवस कार्यक्रम रविवार को चैम्बर आफ कामर्स के राज महल बैंकट हाल में आयोजित किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम में मुख्य व्यक्ता विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री वाई राघवल्लू रहे।
वाई राघवल्लू ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर विश्व हिन्दू परिषद स्थापना के 57 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। हिन्दू जीवनमूल्यों, परम्पराओं, मानबिन्दुओं के प्रति श्रद्धा रखने वाली विश्व के कल्याणार्थ अजेय हिन्दू शक्ति खड़ी करेंगे।
उन्होंने बताया कि 70 लाख वर्षों में ईश्वर ने धर्म की स्थापना के लिए अलग-अलग युग में अवतार लिए, लेकिन कलियुग में संघ ही शक्ति है को आधार मानकर, जो कार्य करेंगे उनका निश्चित ही यश करेंगे। उन्होंने कहा कि जहां हिन्दू अधिक हैं, वहां धर्म को हानि नहीं होने देंगे।
ऐसा संकल्प हम सभी लेंगे, तभी हिंदुत्व मजूबत स्थिति में खड़ा हो पाएगा। यह तब संभव होगा, जब हम संपर्क पर बल देंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष लाखों बहन-बेटियों का अपहरण कर लिया जाता है। भारतवर्ष जिसका क्षेत्रफल 70 लाख वर्ग किलोमीटर था, आज वर्तमान स्थिति में मात्र 32 लाख वर्ग किलोमीटर रह गया है।
डॉ. गोविंद ने विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना पर चर्चा की। पहली बार 21 मई 1964 में मुंबई के संदीपनी साधनाशाला में एक सम्मेलन हुआ। विशेष आमंत्रित नेहल ने श्रीकृष्ण के चरित्र का वर्णन किया।
नेहल ने श्रीकृष्ण के संदर्भ में फैली अनेकों भ्रांतियों का खण्डन किया।जिलाध्यक्ष सुधीर चोटी ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने प्रभु श्रीराम के आदर्शों पर चलकर अपने धर्म की रक्षा की।
भगवान श्रीकृष्ण के दिए गए उपदेशों पर चलकर धर्म व संस्कृति की रक्षा करनी होगी। कार्यक्रम अध्यक्ष आनंद आर्य ने भी अपने विचार रखे।
इस दौरान प्रांतीय सत्संग प्रमुख मुनीश्वर, जिला उपाध्यक्ष मुकेश, रवीन्द्र, विकास, अशोक आर्य, नगर अध्यक्ष अरुण अग्रवाल, भाजपा के जिला महामंत्री पुनीत गोयल व नगर अध्यक्ष विनीत दीवान, आशुतोष रस्तोगी, योगेश भारती, अभय, अर्चित, ईश्वर, अंशुल, ललित, सूरज, मुकुल, हर्षित, अंकुर, अर्चक, पंडित सर्वेश, नरेश, प्रवेश उपस्थित रहे।
